लखनऊ : फरवरी माह में हुई यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद अगस्त में दोबारा परीक्षा कराई गई. 23, 24 और 25 अगस्त के अलावा 30 व 31 अगस्त को भी पेपर हुए. दो चरणों में 5 दिनों तक चली परीक्षा को सही तरीके से करवाने के लिए 16 हजार सीसीटीवी कैमरे और 2 लाख पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. 60244 पद के लिए परीक्षा में 32 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए. इस हिसाब से कांस्टेबल के एक पद के लिए 53 अभ्यर्थियों के बीच प्रतिस्पर्धा रही.
भर्ती बोर्ड के चेयरमैन राजीव कृष्णा ने बताया कि यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़ी परीक्षा थी. इसे पुख्ता तैयारियों के साथ सुरक्षित तरीके से संपन्न कराया गया. इसके लिए मैनपावर के साथ साथ टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल किया गया. परीक्षा केंद्र के अंदर और बाहर सुरक्षा के ऐसे कड़े इंतजाम रहे. नकलची और सॉल्वर गैंग ने पूरी परीक्षा से ही दूरी बना ली. इतना ही नहीं सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम-24 का असर देखने को मिला.
परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए 2300 मजिस्ट्रेट और 1,97,859 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया. वहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस सीसीटीवी का प्रयाेग किया गया. 67 जिलों के 1174 केंद्रों के 16,440 कमरों में एआई सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की अलर्टनेस और चाक-चौबंद व्यवस्था का ही नतीजा रहा कि परीक्षा के दौरान एक परिंदा भी पर नहीं मार पाया.
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को निष्क्रिय करने के लिए लगाए गए जैमर :परीक्षा को पारदर्शी बनाने एवं सही अभ्यर्थियों को प्रवेश देने के लिए तकनीक का प्रयोग किया गया. इसके लिए परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों की चेकिंग एवं पर्यवेक्षण की उचित व्यवस्था की गई थी. केंद्र पर अभ्यर्थियों फिजिकल फ्रिस्किंग, एचएचएमडी द्वारा फ्रिस्किंग, बायोमैट्रिक फिंगर प्रिन्ट एवं फेशियल रिकॉग्निशन के बाद ही प्रवेश दिया गया. वहीं फेशियल रिकॉग्निशन न होने पर एफआरआईएस कैप्चर करने की भी व्यवस्था की गई. फेशियल रिकॉग्निशन में शक होने पर अभ्यर्थी का आधार वेरिफिकेशन कराया गयाय इसके अलावा सभी केन्द्रों पर इलेक्ट्रानिक डिवाइसेज जैसे मोबाइल, ब्लूटूथ को निष्क्रिय करने के लिए जैमर लगाए गए. परीक्षा कक्ष और केन्द्र में सीसीटीवी लगाकर निगरानी की गई. इसका लाइव फीड केन्द्र के कन्ट्रोल रूम, जिले के कन्ट्रोल रूम और भर्ती बोर्ड मुख्यालय के कन्ट्रोल रूम में पहुंचता रहा.
सीएम योगी ने एक्स पर दी अभ्यर्थियों को बधाई :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के सकुशल संपन्न होने पर अभ्यर्थियों को बधाई दी. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि आरक्षी नागरिक पुलिस के 60,200 से अधिक पदों पर चयन के लिए आयोजित लिखित परीक्षा-2023 के निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने की सभी अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई. परीक्षा में सहभागिता करने वाले सभी ऊर्जावान और अनुशासित युवाओं को मनोनुकूल परिणाम प्राप्त हों, सभी का भविष्य उज्ज्वल हो, इस हेतु अनंत मंगलकामनाएं. उन्हाेंने आगे लिखा कि विश्व की सबसे बड़ी सिविल पुलिस भर्ती परीक्षा को सफलतापूर्वक, सकुशल संपन्न कराने में सहयोगी सभी जनों, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड और समस्त जनपदों के जिला प्रशासन को हृदय से धन्यवाद.
एक पद के लिए 53 दावेदार :यूपी पुलिस कांस्टेबल के 60244 पदों पर भर्ती के लिए करीब 48 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. यह संख्या अब तक हुई किसी भी प्रकार की परीक्षा में सबसे अधिक थी. 23 से 31 अगस्त तक हुई दो पालियों में परीक्षा में 30 फीसदी अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी थी. इन पांच दिनों में 32लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. यानी कि कांस्टेबल के एक पद के लिए 53 अभ्यर्थियों के बीच प्रतिस्पर्धा रहेगी.
पुलिस ने बनारस से 5 सॉल्वर को किया गिरफ्तार : वाराणसी से पुलिस ने 5 सॉल्वर को पकड़ा है. इनमें लंका पुलिस ने तीन, वहीं भेलूपुर पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मिली जानकारी के अनुसार यह सभी आरोपी दूसरे की जगह परीक्षा दे रहे थे. इनमें से तीन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सेंटर से, दो बंगाली टोला इंटर कॉलेज से फिंगरप्रिंट मैच कराने के दौरान पकड़े गए. इस बारे में लंका थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि थाना क्षेत्र से तीन सॉल्वर पकड़े गए हैं. इनमें प्रदीप सिंह प्रतापगढ़ का निवासी है. श्रीकांत बिहार का और विशाल आजमगढ़ का निवासी है. श्रीकांत विशाल के स्थान पर जूलॉजी डिपार्टमेंट में पहली पाली में परीक्षा दे रहा था. इस दौरान उसे पकड़ा गया. वहीं प्रदीप संस्थान के बाहर बायोमेट्रिक चेकिंग के दौरान फर्जी पाए जाने पर पकड़ा गया. उसने बताया कि उसे ऐसा करने के लिए 1,00000 दिया गया था.
50 हजार में तय किया था सौदा :लंका के साथ भेलूपुर पुलिस ने भी दो सॉल्वर को गिरफ्तार किया है. उनके नाम सतीश और अतुल हैं. इस बारे में भेलूपुर थाना प्रभारी विजय शुक्ला ने बताया कि अतुल प्रयागराज का रहने वाला है. इसके स्थान पर प्रयागराज का ही सॉल्वर सतीश परीक्षा देने आया था. इसे बायोमेट्रिक में मिसमैच करने के दौरान पकड़ा गया. दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. सतीश ने 50,000 में परीक्षा देने का सौदा तय किया था. पूछताछ में दोनों ने बताया कि सतीश की हाइट कम थी जिसके कारण वह परीक्षा नहीं दे सकता था,लेकिन वह पढ़ने में तेज था. अतुल पढ़ने में कमजोर था, इसलिए अतुल ने पैसे देकर सतीश से उसके जगह पर परीक्षा देने का सौदा तय किया था.