लखनऊ :मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन के अन्तर्गत टाउनशिप विकसित किए जाने हेतु वर्ष 2024-2025 के बजट में 3000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ काॅरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 914 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है. कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 395 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
आगरा मेट्रो रेल परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 346 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है. अयोध्या के सर्वांगीण विकास हेतु 100 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है. लखनऊ विकास क्षेत्र तथा प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा वाराणसी एवं अन्य शहरों में रोप-वे सेवा विकसित किए जाने हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
नगर विकास :प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत वर्ष 2007 से 2017 तक प्रदेश में 2.51 लाख मकान निर्मित किए गए. वर्ष 2017 से आज तक उत्तर प्रदेश में लगभग 17.65 लाख से अधिक लाभार्थियों को कुल लगभग 35 हजार 236 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तान्तरित की गई है. योजना हेतु लगभग 3948 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. वर्ष 2021 में प्रारम्भ की गई. अमृत 2.0 योजना हेतु 4500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
महाकुम्भ मेला 2025 का भव्य आयोजन विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ किए जाने हेतु 2500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. मुख्यमंत्री-ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (अर्बन) के अंतर्गत 800 करोड़ रुपये प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 60 प्रतिशत अधिक है. प्रदेश के शहरों को बाढ़ की समस्या एवं जलभराव से मुक्ति हेतु अर्बन फ्लड एवं स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना प्रारम्भ की गई जिसके लिए 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित मलिन बस्ती विकास योजना हेतु 675 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना है. नगरीय सेवाएं और अवस्थापना विकास की नई योजना हेतु 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. राज्य स्मार्ट सिटी योजना हेतु 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 63 प्रतिशत अधिक है. कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना हेतु 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है.
नियोजन त्वरित आर्थिक विकास योजना हेतु 2400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. जनपदों की स्थानीय आवश्यकताओं की तात्कालिकता को देखते हुए विभिन्न विकास कार्यों के क्रिटिकल गैप्स की पूर्ति हेतु क्रिटिकल गैप्स योजना के अंतर्गत 95 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है. पूर्वांचल विकास निधि हेतु 575 करोड़ रुपये एवं बुंदेलखंड विकास निधि हेतु 425 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
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