जयपुर : केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने फ्री बिजली देने वाले राज्यों को लेकर सवाल उठाया है. जयपुर में मंगलवार को भारत सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से आईटीसी राजपुताना होटल में नवीकरणीय ऊर्जा पर क्षेत्रीय समीक्षा बैठक के दौरान प्रल्हाद जोशी ने यह बात कही. कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि कुछ राज्य राजनीतिक कारणों से मुफ्त की बिजली दे रहे हैं, जिससे एक बड़ा आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. हालांकि, जोशी ने यह स्पष्ट किया कि मैं किसी एक राज्य पर नहीं बोल रहा हूं, लेकिन यह व्यवस्था लंबे समय के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर फ्री बिजली देने वाले राज्य उतनी ही सब्सिडी का पैसा पीएम सूर्य घर योजना में एकमुश्त देने की हिम्मत करें, तो अगले 25 सालों तक उपभोक्ता बिजली बिल के झंझट से मुक्त हो जाएंगे.
मुफ्त बिजली : सालाना 7 हजार करोड़ खर्च :राजस्थान सरकार के आंकड़ों के मुताबिक मुफ्त बिजली पर लगभग 7000 करोड़ रुपए का सालाना खर्च हो रहा है. राजस्थान में फिलहाल एक करोड़ 59 लाख बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से एक करोड़ 19 लाख उपभोक्ता घरेलू बिजली से जुड़े हैं. 100 यूनिट तक बिजली खपत वाले 1.04 करोड़ उपभोक्ता हैं, जिनका बिजली बिल शुल्क शून्य आ रहा है. इनका सालाना करीब 5200 करोड़ रुपए सरकार को उठाना पड़ रहा है. बाकी के 15 लाख घरेलू उपभोक्ता को हर साल बिल में 1800 करोड़ रुपए छूट मिल रही है. यह छूट 562.50 रुपए तक है. इसमें 300 यूनिट से ज्यादा बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ता भी शामिल हैं. गौरतलब है कि राजस्थान में बिजली के बिलों पर छूट गत अशोक गहलोत सरकार का फैसला था.
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2032 तक दोगुनी होगी ऊर्जा की जरूरत :जोशी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2030 तक देश में अक्षय ऊर्जा का उत्पादन 500 गीगावाट तक बढ़ाने की सोच रखते हैं. उन्होंने साल 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा से ऊर्जा आवश्यकता का 50 फीसदी पूरा कराने और साल 2070 तक देश को नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन तक ले जाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि साल 2032 तक देश की ऊर्जा आवश्यकता दोगुनी होने की संभावना है.
पीएम के नेतृत्व में ऊर्जा में अभूतपूर्व प्रगति :मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा के दक्ष उपयोग, नवीकरणीय स्रोत को अपनाने और नई ऊर्जा नीतियों की नियामित करने की आवश्यकता है. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है. राजस्थान अक्षय ऊर्जा में बड़ी भूमिका निभाएगा और विकसित राजस्थान 2047 का संकल्प पूरा करने में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा. राजस्थान सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा नीति 2024 जारी की है, जिसमें साल 2030 तक 125 गीगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में 15 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. प्रदेश में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे. राजस्थान कुसुम योजना में देश का अग्रणी राज्य है. इस योजना में राज्य में 5 हजार मेगावाट से अधिक की सौर परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं. उन्होंने कुसुम 2.0 की शुरुआत करने का केन्द्र सरकार से आग्रह किया, ताकि इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे.
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एक करोड़ परिवारों का बिल होगा शून्य :नवीकरणीय ऊर्जा पर क्षेत्रीय समीक्षा बैठक में केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपाद नाइक ने कहा कि पीएम सूर्यघर योजना से देश में एक करोड़ परिवारों का बिजली बिल लगभग शून्य हो जाएगा. उऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी. नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए आरपीओ लक्ष्यों को प्राप्त करने के उपायों, प्रधानमंत्री कुसुम योजना, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी करने की रणनीति के लिए बैठक महत्वपूर्ण है. बैठक में हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज, हिमाचल प्रदेश के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, आवास प्रबंध मंत्री राजेश धर्माणी, जम्मू-कश्मीर के प्रौद्योगिकी विभाग मंत्री सतीश कुमार शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए.
नवीकरणीय ऊर्जा पर क्षेत्रीय समीक्षा बैठक (ETV Bharat Jaipur) अक्षय ऊर्जा क्षमता को 125 गीगावाट लाना लक्ष्य :ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि राज्य की स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024 वर्ष 2030 तक राजस्थान की अक्षय ऊर्जा क्षमता को 125 गीगावाट तक लाने में अहम साबित होगी. राज्य सरकार कुसुम योजना और हाइब्रिड एन्यूइटी मॉडल को मिलाकर विकेंद्रित सोलर की 17 हजार मेगावाट की परियोजनाओं पर काम कर रही है. कुसुम योजना के घटक ए और सी के तहत प्रदेश में स्थापित विकेन्द्रित सोलर प्लांटों से जुड़े ग्रिड सब स्टेशनों में इन प्लांटों की क्षमता के अनुरूप कृषि कनेक्शन जारी करने का निर्णय किया है. उन्होंने कहा कि साल 2027 तक किसानों को कृषि कार्य के लिए दिन में बिजली देने के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के संकल्प को पूरा करने की दिशा में यह बड़ा कदम है.