लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य हों या उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, सभी के हाथ में एक-एक नोटबुक थी और हाथ में कलम. साथ में बैठे थे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक और देश के गृहमंत्री अमित शाह. लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में तीसरे चौथे और पांचवें चरण में जिन जिलों में चुनाव होना है, वहां के वरिष्ठ नेता भी इस मौके पर मौजूद थे. चुनाव के दौरान क्या करना है. विरोधियों के प्रचार और दुष्प्रचार का किस तरह से जवाब देना है, भाजपा की प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित हो, इसके लिए क्या-क्या होना चाहिए, इन सारे बिंदुओं को जब अमित शाह समझा रहे थे तो बड़े-बड़े नेता नोटबुक पर उसको नोट करते हुए नजर आ रहे थे.
मास्टर की भूमिका में अमित शाह की क्लास में गुरुवार की रात बीजेपी के बड़े-बड़े नेता विद्यार्थी के रूप में नजर आए. साल 2014 से उत्तर प्रदेश की राजनीति पर खास नजर रखने वाले अमित शाह जीत के हिट फार्मूले से नेताओं को अवगत कराते हुए नजर आए. कानपुर रोड स्थित होटल में बीजेपी के बड़े नेता अमित शाह के सामने मौजूद थे.
इन सीटों को लेकर अमित शाह ने की चर्चा
तीसरे चरण में संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली में चुनाव होना है. 7 मई को वोट पड़ने हैं. चौथे चरण में शाहजहांपुर खीरी, धौरहरा, सीतापुर,हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर और बहराइचसीट में मतदान होना है. यहां मतदान 13 में को होगा. जबकि पांचवें चरण में मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी,जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर,कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा सीटों पर चुनाव होना है. इन सीटों पर 20 में को चुनाव होगा.
कई वीवीआईपी सीट पर शाह की नजर
गृहमंत्री अमित शाह की नजर मुख्य रूप से उन सीटों पर बात की, जहां भारतीय जनता पार्टी कड़े मुकाबले में है. सम्भल, फिरोजाबाद, मैनपुरी, बदायूं, कन्नौज, कानपुर, रायबरेली, अमेठी और कैसरगंज वह सीट हैं, जिन पर अमित शाह खास दृष्टि लगाए हुए हैं. यहां के लिए खास रणनीति पार्टी की है ताकि जहां भाजपा कमजोर है, वहां पर काम किया जा सके.
अमित शाह के सुझाए हुए मुद्दे
अमित शाह ने यहां आए नेताओं को सीख दी है कि वे तुष्टिकरण की राजनीति को लेकर कांग्रेस और समाजादी पार्टी पर जमकर निशान लगाएं. कहा कि इंडी गठबंधन के शहजादे ने चुनाव की शुरुआत भारत जोड़ो यात्रा के साथ की थी लेकिन 4 जून के बाद कांग्रेस ढूंढो यात्रा के साथ इसका समापन होगा. उन्होंने कहा कि जनता के बीच नेता यह संदेश दें कि दो चरणों के चुनाव में कांग्रेस पार्टी दूरबीन लेकर भी नजर में नहीं आ रही है, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सेंचुरी लगाकर 400 पार की राह पर आगे निकल गए हैं.