सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में जल्द अमरूद की बगिया महकेंगी. यहां 2400 बीघा जमीन पर अमरूद की खेती की योजना तैयार हो गई है. एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत इस योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा. योजना के सिरे चढ़ने से न केवल जिला के किसानों की तकदीर बदलेगी, बल्कि उनकी आर्थिकी भी मजबूत हो पाएगी.
दरअसल, जिला में सब-ट्रॉपिकल फ्रूट में अमरूद की खेती को लेकर एचपी शिवा प्रोजेक्ट एक नई फ्रूट क्रांति की ओर कदम बढ़ाने जा रहा है. हिमाचल में जहां किन्नौर, शिमला और कुल्लू का सेब प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण स्थान रखता है तो वहीं आने वाले कुछ समय में सिरमौर भी बेहतर किस्म के अमरूद की खेती के लिए पहचाना जाएगा. जिले में श्वेता और हिसार सफेदा किस्मों के अमरूद के बगीचे लगाए जा रहे हैं. हाल ही में हिसार सफेदा की नई किस्म को इंट्रोड्यूज किया गया है. योजना के प्रथम चरण में 28 हेक्टेयर जमीन पर अमरूद के बगीचे तैयार कर दिए गए हैं. अमरूद के बगीचों के लिए एडीबी बैंक की ओर से की जाने वाली फंडिंग से इस योजना को अंजाम दिया जा रहा है.
जिले में बनाए गए 17 क्लस्टर
बागवानी विभाग ने इस योजना के लिए जिला में 17 क्लस्टर बनाए हैं, जिसमें फिलहाल नाहन और पांवटा साहिब के किसानों को शामिल किया गया है. इस योजना के तहत नाहन के डूंगी सैर की 3.78 हेक्टेयर, जमटा महीपुर रोड़ क्षेत्र के जुड़ग में 5 हेक्टेयर, सिंबलवाड़ा में 8.10 हेक्टेयर, नाहन के बुडड़ियों में 4 और खैरी चांगण में 7 हेक्टेयर जमीन पर अमरूद के बगीचे तैयार कर दिए गए हैं.