उज्जैन :इंदौर की तर्ज पर अब उज्जैन शहर को भी भिक्षावृत्ति से मुक्त करने का अभियान शुरू हो गया है. महाकाल थाना पुलिस ने मंगलवार को रामघाट इलाके से 25 भिक्षुकों को हिरासत में लिया. जिला प्रशासन के अनुसार अब इनका पुनर्वास कराया जाएगा. जिला प्रशासन के अनुसार पूरे शहर में ये अभियान चलेगा. मिशन स्माइल के तहत भिक्षुकों का पुनर्वास कराने की योजना है. साथ ही जो भिक्षुक अपने घर जाना चाहते हैं, उन्हें भेज दिया जाएगा. लेकिन उज्जैन में भिक्षावृत्ति नहीं करनी दी जाएगी.
शिप्रा किनारे भिक्षावृत्ति करने वाले 25 लोगों को पकड़ा
उज्जैन में भिक्षावृत्ति को जड़ से समाप्त करने के लिए मिशन स्माइल के तहत जिला प्रशासन ने पुलिस के सहयोग से अभियान शुरू किया है. इसी के तहत महाकाल थाना पुलिस ने शिप्रा नदी के किनारे रामघाट पर भिक्षावृत्ति कर रहे पुरुषों और महिलाओं को पकड़ा. इस दौरान कुछ ने नाराजगी जताई और विरोध करने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस के सख्त रुख के चलते सभी को पुलिस वाहन में बैठाया गया. महाकाल पुलिस थाने के टीआई नरेंद्र सिंह परिहारका कहना है कि "हमने फिलहाल इन भिक्षुकों को रेनबसैरा में ठहराया है. सेवाधाम आश्रम से उनकी स्थायी व्यवस्था के लिए बातचीत चल रही है. इस अभियान का उद्देश्य उन्हें बेहतर जीवन देना है."
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह (ETV BHARAT) भिक्षुकों का पुनर्वास और रोजगार की व्यवस्था होगी
बता दें कि केंद्र सरकार के स्माइल प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन को करीब एक साल पहले भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने के लिए चुना गया था. उचित व्यवस्था के अभाव में ये अभियान शुरू नहीं हो सका था. अब इंदौर की पहल से प्रेरणा लेते हुए उज्जैन में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. कलेक्टर नीरज कुमार सिंहने कहा "हम मिशन स्माइल के तहत इन लोगों के पुनर्वास और रोजगार की व्यवस्था कर रहे हैं. एनजीओ के सहयोग से भिक्षुकों को रहने और खाने की सुविधाएं दी जाएंगी., ताकि वे सम्मान से जीवन जी सकें." शहर के अन्य हिस्सों में भी जल्द ही इस अभियान को व्यापक स्तर पर चलाया जाएगा. प्रशासन का कहना है कि यह कदम न केवल शहर की छवि सुधारने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भिक्षावृत्ति करने वालों के जीवन को एक नई दिशा देने में भी सहायक साबित होगा.