उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर में अब हाईटेक तरीके से श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश मिलेगा. जिसके लिए उन्हें RFID (Radio-Frequency IDentification) बैंड पहनना होगा. महाकालेश्वर मंदिर जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, विशेष रूप से भस्म आरती के लिए. हालांकि, भस्म आरती में प्रवेश पाने के लिए श्रद्धालुओं को एक प्रोटोकॉल सिस्टम के तहत परमिशन मिलती है, जिसे या तो ऑनलाइन बुकिंग द्वारा या ऑफलाइन लाइनों में खड़े होकर प्राप्त किया जा सकता है.
RFID बैंड सिस्टम, प्रवेश प्रक्रिया में सुधार
श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश के लिए RFID बैंड दिया जाएगा. इसे गेट पर पहनाया जाएगा और आरती के बाद वापस जमा करना होगा. इससे फर्जी एंट्री करने वालों पर रोक लगेगी और प्रवेश प्रक्रिया में तेजी आएगी. अब बार-बार परमिशन दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी. भविष्य में एयरपोर्ट की तरह ऑटोमेटिक गेट लगाए जाएंगे, जो QR कोड स्कैन करने पर खुलेंगे. इसके अलावा महाकाल मंदिर समिति विचार कर रही है कि RFID बैंड यूज एंड थ्रो होंगे या स्थायी रूप से दिए जाएंगे. यह प्रणाली एक हफ्ते में लागू की जाएगी, जिससे भीड़ प्रबंधन में मदद मिलेगी.
फर्जी प्रवेश पर लगेगी रोक
बता दें कि, कुछ लोग फर्जी तरीके से भस्म आरती में प्रवेश करने की कोशिश करते थे, जिसे रोकने के लिए मंदिर प्रशासन ने RFID बैंड सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है. इसके तहत, श्रद्धालु पहले अपना भस्म आरती पास दिखाएंगे और मंदिर के गेट पर उन्हें एक RFID बैंड दिया जाएगा, जिसे उन्हें हाथ में बांधना होगा. आरती के बाद इसे जमा कराना होगा. इस सिस्टम के माध्यम से फर्जी प्रवेश पर रोक लगाई जा सकेगी. यह सुविधा एक हफ्ते के अंदर शुरू होने की उम्मीद है. भविष्य में, एयरपोर्ट की तरह ऑटोमेटिक गेट भी लगाए जाएंगे, जो RFID बैंड में मौजूद QR कोड को स्कैन करने पर खुल जाएंगे. इस प्रक्रिया से प्रवेश की गति तेज होगी और भीड़ प्रबंधन में सुधार होगा.