उज्जैन। जिले से 50 किलोमीटर दूर महिदपुर तहसील में स्वस्थ्य सेवाएं बदहाल हैं. मरीजों को कितनी सुविधाएं मिलती हैं यह इस घटना से पता चलता है. दरअसल सरकारी अस्पताल की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. जहां अपने एक वर्ष के बेटे अर्पित का इलाज करवाने पहुंचे मजदूर माता पिता को प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने बेटे को मृत बता दिया. इसके बाद बदहवास माता पिता ने जब अस्पताल से बच्चे को अपने घर ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगी तो अस्पताल की ओर से कोई वाहन उपलब्ध नहीं करवाया गया. माता-पिता बच्चों को पैदल लेकर रवाना हुए और बस स्टैंड पर राहगीरों ने फिर मजदूर माता-पिता की मदद की.
मृत बेटे को गोद में लिए घूमती रही मां
मानवता को शर्मसार करता यह मामला तब सामने आया जब मजदूर माता-पिता अपने मृत बेटे को गोद में लिए महीदपुर बस स्टैंड पर बैठे हुए कुछ लोगो को दिखाई दिए. लोगों ने उनसे पूछताछ भी की. मरे हुए बच्चे को गोद में लिए बैठे माता पिता की इन तस्वीरों ने हर किसी को झकझोर दिया. हालांकि राहगीर व यात्रियों ने जब गरीब व मजदूर परिवार की परेशानी को समझा तब सबने मिलकर चंदे के पैसों से प्राइवेट एम्बुलेंस बुलाई और महिदपुर रोड थाना क्षेत्र के गोगपुर गांव में परिजनों के पास परिवार को छुड़वाया.
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