राजस्थान

rajasthan

उदयपुर चा राजा को धराई 41 लाख 41 हजार 441 रुपए की आंगी, बप्पा की झलक पाने के लिए उमड़ी भीड़ - Ganpati Utsav In Udaipur

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 14, 2024, 6:18 PM IST

उदयपुर के बापू बाजार में श्री स्वास्तिक विनायक गणपति मंडल की ओर से गणपति जी की प्रतिमा स्थापित की गई है. इस बार गणपति को 41 लाख 41 हजार 441 रुपए की आंगी धराई गई है.

garland worth Rs 41 lakhs to Ganpati
उदयपुर चा राजा को धराई लाखों की माला (ETV Bharat Udaipur)

लाखों रुपयों की माला पहना मनाया गणपति उत्सव (ETV Bharat Udaipur)

उदयपुर:देशभर में गणेश महोत्सव की धूम मची हुई है. विभिन्न पंडालों में कई तरह के आयोजन हो रहे हैं. वहीं भगवान गणेश को अनोखी आंगी भी धराई जा रही है. मुंबई के चा राजा की तर्ज पर उदयपुर में भी गणेश प्रतिमा पर लाखों रुपए की आंगी धराई जाती है. उदयपुर के बापू बाजार में श्री स्वास्तिक विनायक गणपति मंडल की ओर से गणपति जी की प्रतिमा स्थापित की गई है. यहां मंडल की ओर से शुक्रवार को गणपति बप्पा को 41 लाख 41 हजार 441 रुपए के नोटों की बनी आंगी धराई गई. मुंबई के गणपति को मुंबई चा राजा के नाम से जाना जाता है. ठीक उसी तरह उदयपुर शहर के बापू बाजार में गणपति बप्पा को उदयपुर चा राजा के नाम से जाना जाता है.

गणपति बप्पा के दरबार को भी अनूठे अंदाज में श्रृंगार के साथ सजाया गया है. वहीं दर्शन करने और उनके इस अनूठे श्रंगार को देखने बड़ी संख्या में भक्तगण भी पंडाल पहुंचे. मंडल कार्यकर्ताओं ने बताया कि 24 सालों से गणपति महोत्सव मना रहे हैं. पिछले 8 सालों से नोटों की आंगी की जा रही है. पहली बार 5 लाख 55 हजार 555 रुपए, दूसरी बार 7 लाख 77 हजार, 777 रुपए, तीसरी बार 11 लाख 11 हजार 111 रुपए और चौथी बार 21 लाख 21 हजार 221 रुपए और पांचवी बार 31 लाख 31 हजार 331 रुपए, छठी बार 33 लाख 33 हजार 333 रुपए, सातवीं बार 31 लाख 31 हजार 131 रुपए और इस बार आठवीं बार 41 लाख 41 हजार 441 रुपए की आंगी की गई है.

पढ़ें:बालाजी मंदिर में गणपति बप्पा को लगाया 56 भोग, पंडालों में कार्यक्रमों की घूम - 56 bhog offered to ganapati

स्वास्तिक मंडल के वैभव अग्रवाल ने बताया कि हर वर्ष गणपति प्रतिमा की ऊंचाई के आधार पर आंगी की राशि तय की जाती है. इस बार 14 फीट की प्रतिमा पर बप्पा को 41 लाख से अधिक की आंगी धराई गई है. इसके लिए सभी 15 सदस्य आपसी सहयोग से ही चंदा इकट्ठा करते हैं. जितनी राशि उन लोगों द्वारा दी जाती है, उसमे में 1100-1100 की रसीद काट कर बाकी की राशि फिर से उन्हे लौटा दी जाती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details