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मौत के दो वर्ष बाद बुधन ने की मजदूरी, भुगतान भी लिया, जानिए इसके पीछे क्या है राज - MNREGA Scam in Giridih - MNREGA SCAM IN GIRIDIH

MNREGA Scam in Giridih. लोगों को रोजगार देने की गारंटी देने वाला मनरेगा घोटालेबाजों के लिए चरागाह बन गया है. आए दिन एक न एक गड़बड़ी सामने आती रहती है. कभी मेटेरियल का अधिक भुगतान कर दिया जाता है. तो कभी फिल्म सितारों के नाम पर मजदूरी का भुगतान हो जाता है. इस बार गिरिडीह में कुछ अलग ही मामला सामने आया है.

MNREGA SCAM IN GIRIDIH
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 13, 2024, 7:19 PM IST

Updated : Jul 13, 2024, 7:59 PM IST

गिरिडीह: बुधन पंडित ( पिता लीलो पंडित) की मौत हो चुकी है, लेकिन आज भी वह जीवित है. न सिर्फ जीवित है बल्कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार एक्ट के तहत काम भी कर रहा है और उसने भुगतान भी लिया है. यह सब गिरिडीह में हुआ है. मामला गिरिडीह सदर प्रखंड के मंगरोडीह पंचायत से जुड़ा है. बुधन ने जिन योजना में काम किया है उसमें पहली योजना अनिता देवी की जमीन पर तालाब निर्माण है. दूसरी योजना अनिता देवी की जमीन पर डोभा का निर्माण है.

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा (वीडियो- ईटीवी भारत)



पांच-पांच दिनों तक किया काम
दोनों योजना में पांच पांच दिनों तक बुधन ने काम किया है. जहां तालाब की योजना में बुधन ने 24 अप्रैल 2024 से 29 अप्रैल 2024 तक मजदूरी की. वहीं डोभा की योजना में 22 मई 2024 से 27 मई 2024 तक काम किया. पहली योजना में बुधन का मास्टर रोल संख्या 2409 है तो दूसरी योजना में मास्टर रोल संख्या 4994 है. इन दस दिनों के काम का भुगतान भी बुधन ने लिया.

रोजगार सेवक से स्पष्टीकरण

इधर, यह मामला संज्ञान में आते ही गिरिडीह के प्रखंड विकास पदाधिकारी. रजक ने मंगरोडीह के ग्राम रोजगार सेवक बसंत मंडल से स्पष्टीकरण मांगा है. 9 जुलाई को बीडीओ ने बसंत को पत्र प्रेषित करते हुए 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा है. हालांकि स्पष्टीकरण का पत्र जारी हुए चार दिन बीत जाने के बाद भी रोजगार सेवक द्वारा जवाब नहीं दिया गया है.

बीडीओ के पत्र की प्रति (ईटीवी भारत)

क्या पूछा है बीडीओ ने

रोजगार सेवक को भेजे गए पत्र में गिरिडीह के बीडीओ ने पूछा है कि बुधन पंडित की मौत दो वर्ष पूर्व हो गई है. लेकिन आपके द्वारा मृत मजदूर को दोनों योजना में कार्य करते हुए न सिर्फ दिखाया गया है, बल्कि भुगतान भी कर दिया गया है. आखिर ऐसा किस परिस्थिति में किया गया है. बीडीओ ने मजदूर द्वारा कार्य की मांग से सम्बन्धित आवेदन के साथ मास्टर रोल भी जमा करने को कहा है

जवाब मिलते ही होगी कार्रवाई: बीडीओ

इस मामले में बीडीओ का कहना है कि कभी कभी मृतक का नाम जॉब कार्ड से डिलीट नहीं होता है. ऐसे में चूक हो सकती है. वैसे मृत मजदूर से मजदूरी करवाने और भुगतान के मामले में रोजगार सेवक से स्पष्टीकरण पूछा गया है जवाब मिलते ही कार्रवाई की जाएगी.

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Last Updated : Jul 13, 2024, 7:59 PM IST

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