बीजापुर/ सुकमा : छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य बस्तर संभाग के पोटाकेबिनों में पढ़ाई करने वाले बच्चों की मौत का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है. ताजा मामला बीजापुर और सुकमा जिले के पोटाकेबिन है. बीजापुर जिले के एक भटवाड़ा पोटाकेबिन का है, जहां पढ़ने वाले चौथी कक्षा के छात्र की इलाज के दौरान मौत हो गई.
पोटाकेबिन के छात्र की संदिग्ध मौत : राजीव गांधी शिक्षा मिशन के डीएमसी कमल दास झाड़ी ने बताया कि भैरमगढ़ ब्लॉक के भटवाड़ा पोटाकेबिन में पढ़ाने वाले छात्र टांकेश्वर नाग की पिछले शनिवार को अचानक तबीयत खराब हो गई. उसे भैरमगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया, लेकिन हालत बिगड़ता देख उसे जिला अस्पताल बीजापुर रेफर किया गया. वहां भी उसके हालत में सुधार नहीं होने पर बच्चे को जगदलपुर के मेकाज में रेफर किया गया. जहां इलाज के दौरान छात्र ने दम तोड़ दिया.
जिस बालक की मौत हुई है, उसे दिल की बीमारी थी और उसे निमोनिया भी था. उसे इलाज के लिए पहले भैरमगढ़ फिर बीजापुर के अस्पताल में लाया गया. लेकिन हालत बिगड़ता देख उसे जगदलपुर मेकाज रेफर किया गया. जहां इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई. बस्तर जिले के तोकापाल ब्लॉक कुरेंगा का रहवासी था. छात्र के परिजन भी ईलाज के दौरान साथ में मौजूद थे : कमल दास झाड़ी, डीएमसी, राजीव गांधी शिक्षा मिशन
सुकमा में भी एक बच्ची की मौत : सुकमा जिले में 16 दिसम्बर की सुबह एक छात्रा की अज्ञात वजहों से मौत हो गई. मौत के बाद कांग्रेस और स्थानीय लोगों ने हंगामा किया. हंगामे के बाद स्वास्थ्य विभाग मौत की वजहों का पता लगाने में जुट गई है. मृतक बच्ची की नाम रौशनी नाग की उम्र 8 साल है. सुकमा जिले के छिंदगढ़ ग्राम पंचायत के बालाटिकरा के छात्रावास में रहकर बच्ची पढ़ाई कर रही थी.
पोटाकेबिनों में बच्चों की संदिग्ध मौत पर बवाल (ETV Bharat Chhattisgarh)
मृतिका रौशनी नाग को 16 तारीख की सुबह साढ़े 5 बजे सांस लेने में तकलीफ होने पर उसे छिंदगढ़ अस्पताल लाया गया. जहां डॉक्टरों ने जांच किया और मृत घोषित कर दिया. इसके बाद मौत की वजहों का पता लगाने दो डॉक्टरों की टीम ने सुकमा जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम किया. तहसीलदार के मौजुदगी में इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई : कपिल कश्यप, सीएमएचओ, सुकमा
बच्ची के सिर में दिखी हल्की सूजन : सुकमा सीएमएचओ कपिल कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्ची की शरीर के बाहरी और भीतरी अंग में किसी प्रकार का कोई चोट नहीं पाया गया. मौत के कारणों का पता लगाने के लिए 7 प्रकार के सेम्पल लिए गए हैं. इन सेम्पलों को जांच के लिए डिमरापाल अस्पताल भेजा गया है. बच्ची के सिर में हल्की सूजन देखने को मिली है.
महिला सरपंच का बीजेपी पर आरोप : ग्राम पंचायत की सरपंच संजना नेगी ने बताया कि मौत की जानकारी लगते ही उनकी टीम जांच करने और अन्य समस्याओं को देखने के लिए पोटाकेबिन पहुंची. लेकिन उन्हें अंदर प्रवेश करने से रोक दिया गया. उनका कहना है कि उनके गांव में मौजूद पोटाकेबिन में महिला अधीक्षिका से बात करने के लिए महिला सरपंच को रोका जा रहा है. महिला सरपंच संजना नेगी ने इसके लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताते हुए मामले को दबाने का आरोप लगाया है.