रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में करारी हार मिलने के बाद झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की दो दिवसीय समीक्षा बैठक रविवार को समाप्त हो गई. दो दिवसीय और विस्तृत समीक्षा बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष की भी उपस्थिति रही. इन दो दिनों इस बात की समीक्षा हुई कि किन परिस्थितियों में ऐसा परिणाम आया और भाजपा के कॉल पर कोई पॉजिटिव रिस्पॉन्स जनता ने क्यों नहीं दिया. वहीं चुनावी नतीजों पर भाजपा के दो दिवसीय समीक्षा बैठक को महज आई वॉश करार देते झामुमो नेता ने कहा कि चिंतन मंथन में जो विष निकला होगा, उसे कौन पियेगा यह बड़ा सवाल है.
28 दिसंबर तक सदस्यता अभियान पूरा करने का निर्देश
दो दिवसीय बैठक की जानकारी देते हुए राज्यसभा सांसद और प्रदेश भाजपा महामंत्री प्रदीप वर्मा ने कहा कि चुनाव की समीक्षा के साथ-साथ संगठन की मजबूती के लिए भी बैठक में चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि यह हमारा सदस्यता वर्ष चल रहा है. ऐसे में राज्य में भाजपा प्राथमिक सदस्यता और सक्रिय सदस्य बनाने का काम 28 तारीख तक पूरी कर लेगी. इसके बाद बूथ से लेकर जिला और प्रदेश तक नए संगठन की रचना होनी है.
प्रदेश भाजपा महामंत्री प्रदीप वर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय संगठन महामंत्री की उपस्थिति में दो दिवसीय समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं. इस बैठक का जो भी निष्कर्ष निकला है उससे केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया जाएगा.
भाजपा की हार के दो अहम कारणः सीपी सिंह
झारखंड विधानसभा के पूर्व स्पीकर और रघुवर दास की सरकार में मंत्री रहे वरिष्ठ भाजपा नेता सीपी सिंह ने कहा कि एनडीए और बीजेपी की हार का कारण जगजाहिर है. सीपी सिंह ने कहा कि कैंची चला और मंईयां सम्मान योजना ने हमें नुकसान पहुंचाया.
एक सवाल के जवाब में सीपी सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में किसी को चुनाव लड़ने से रोका नहीं जा सकता है. जब सरकार 13 नवंबर के चुनाव से एक दिन पहले 12 नवंबर को और 20 नवंबर के मतदान से एक दिन पहले 19 तारीख को लाभुकों के खाते में पैसे डालने लगे तो उसे हम कैसे रोक सकते थे.