झांसीः जिले के मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में रेस्क्यू किए गए नवजात बच्चों में 2 और बच्चों की मौत के बाद अब मृत बच्चों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है. मेडिकल कॉलेज सीएमएस डॉक्टर सचिन माहौर ने बताया कि 15 नवंबर की रात मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में आग लग गई थी. हादसे के समय वार्ड में 49 बच्चे भर्ती थे. जिसमें से 39 बच्चों को रेस्क्यू किया गया था. हादसे में 10 बच्चों की जलकर मौत उसी दिन हो गई थी. वहीं, रेस्क्यू किए गए 5 और बच्चों की मौत पहले ही चुकी है. जिनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 5 बच्चों की मौत बीमारी से होने की पुष्टि हुई है.
सीएमएस ने बताया कि शनिवार देर रात ललितपुर निवासी राधा पत्नी प्रीतम और ललितपुर के ही तालबेहट निवासी पूनम पत्नी के बच्चों की बीमारी के चलते मौत हो गई है. सिर्फ ये बच्चे अग्निकांड के वक्त रेस्क्यू किए गए थे. इनको किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ था. दोनों बच्चों का पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा.
28 बच्चों को भेजा घर
मेडिकल कॉलेज की तरफ से बुलेटिन जारी करते हुए डॉक्टर नूपुर पांडे ने बताया कि रेस्क्यू किए बच्चों में 28 बच्चों को बिल्कुल स्वस्थ्य होने पर डिस्चार्ज किया गया है. हाल ही में दो गंभीर बच्चों का मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. वहीं, दो अन्य बच्चे प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती है.
अग्निकांड की जिम्मेदार सरकार, 18 बच्चों के वार्ड 49 भर्ती होना विफलता का सबूतः अजय राय
वहीं, झांसी के मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड का निरीक्षण करने रविवार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पहुंचे. उन्होंने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ घटना स्थल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए प्रदेश सरकार को घटना का जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि ये सरकार की लापरवाही है कि 18 बच्चों के वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे. बाद में प्रशासन ने 49 की संख्या बताई. यही कारण है कि एक पावर स्विच में तीन तारों को लगाया गया होगा और ओवरलोड के कारण आग लग गई. उन्होंने कहा कि सरकार मेडिकल कॉलेज के मामले में बिल्कुल फेल है. मृत बच्चों और घायलों के परिवार को सरकार द्वारा दिया गया मुआवजा नाकाफी है. सरकार पीड़ित परिजनों को 25 लाख मुआवजा देना चाहिए. घटना के समय जान पर खेलकर अपने बच्चों की परवाह न करते हुए बच्चों को बचाने वालों को भी सरकार की तरफ 50 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दिया जाना चाहिए.
दोषियों को बचाना चाह रही सरकार, अभी तक दर्ज नहीं की एफआईआर
उन्होंने कहा कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी सरकार अभी तक घटना के लिए जिम्मेदारों की नहीं ढूंढ सकी. सरकार के द्वारा किसी पर fir तक नहीं की गई. इतनी बड़ी घटना और जांच की धीमी गति से पता चलता है कि सरकार की मनसा घटना के दोषियों को बचाने की है. उन्होंने कहा कि काफी सालों से सरकार ने अभी तक मेडिकल कॉलेज में स्थाई प्राचार्य की व्यवस्था नहीं की. जिससे स्पष्ट है कि सरकार मेडिकल कॉलेज की घटना में पूरी तरह से फेल है. घटना में रेस्क्यू किए बच्चों में तीन बच्चों का प्राइवेट में इलाज किए जाने पर उन्होंने कहा कि सरकारी डॉक्टर के बाहर निजी अस्पताल चल रहे है. डॉक्टर सरकारी अस्पताल में कम अपने निजी अस्पताल में ज्यादा समय देते है. इसी मिली भगत के चलते मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था होने के बाद भी घायल बच्चों का इलाज प्राइवेट अस्पताल में कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि जल्द दोषियों पर मुकदमा कर कार्रवाई नहीं की गई तो कांग्रेस पार्टी सड़कों पर आंदोलन करेगी.
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