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चमोली के माईथान में कौन खराब करना चाहता है माहौल? विशेष समुदाय के लिए वायरल किया गया लेटर, पुलिस ने बताया सच

चमोली की खनसर घाटी में माहौल खराब करने की साजिश का सच. पुलिस और व्यापार मंडल ने सबके सामने रखी लेटर की सच्चाई.

KHANSAR VALLEY CHAMOLI
माईथान के वायरल लेटर का सच आया सामने (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 22, 2024, 1:08 PM IST

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले के गैरसैंण में बीती 17 अक्टूबर को खनसर घाटी में स्थानीय लोगों ने जन चेतना रैली का निकाली थी. इस रैली का उद्देश्य क्षेत्र में बाहरी व्यक्तियों की पहचान और सत्यापन की मांग करना था. रैली के बाद सोशल मीडिया पर एक पत्र तेजी से वायरल हुआ, जिसमें यह कहा गया कि खनसर घाटी में रहने वाले विशेष समुदाय के लोगों को 31 दिसंबर 2024 तक इस क्षेत्र को छोड़ने का अल्टीमेटम दिया गया है. इससे लेटर के वायरल होने के बाद समुदाय विशेष के लोग काफी चितिंत नजर आ रहे हैं, लेकिन अब स्थिति स्पष्ट हो गई है.

इस मामले में व्यापार मंडल अध्यक्ष माईथान बलदेव सिंह नेगी, पूर्व अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह रावत और भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजय रावत निवासी माईथान ने स्पष्ट किया कि किसी भी समुदाय को नगर खाली करने के लिए नहीं कहा गया है, बल्कि रैली का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में निवास कर रहे बाहरी व्यक्तियों का शत-प्रतिशत सत्यापन करना था. साथ ही जो लोग नाम बदलकर रह रहे हैं, उनके सही पते व कार्य की जानकारी का पता करना था.

उन्होंने कहा कि आसामाजिक तत्वों ने इस मुद्दे को सोशल मीडिया के माध्यम से तोड़-मरोड़ कर पेश किया. रैली का उद्देश्य सभी निवासियों की सुरक्षा और समाज में सामंजस्य बनाए रखना है. वहीं इस बारे में पुलिस अधीक्षक चमोली सर्वेश पंवार ने बताया कि व्यापार संघ अध्यक्ष ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि जन चेतना रैली का आयोजन संगठन की ओर से किया गया था. रैली के माध्यम से नगर क्षेत्र में रहने वाले बाहरी व्यक्तियों के 31 दिसंबर तक पूर्ण रूप से सत्यापन की मांग की गई थी. किसी भी समुदाय को नगर खाली करने की बात नहीं कही गई है. आसामाजिक तत्वों ने बातों को गलत तरीके से पेश किया है.

इस घटना ने यह भी दर्शाया कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग करते हुए कैसे जरूरी मुद्दों को गलत तरीके से पेश किया जा सकता है और इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं. पुलिस-प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वो किसी भी जानकारी को बिना जांचे मान्यता न दें और समाज में आपसी भाईचारे और शांति को बनाए रखने में सहयोग करें. आखिरकार समुदायों के बीच संवाद और समझ महत्वपूर्ण हैं और इस प्रकार की घटनाओं से सभी को सचेत रहना चाहिए.

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