लखनऊ : उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने उन्नाव हादसे पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अधिकारियों को शो कॉज नोटिस दिया जाएगा. यूपी में जिस रोड से गाड़ी चलती थी उन सभी जिलों के अधिकारियों को नोटिस दिया जाएगा. किसी अधिकारी की अगर संलिप्तता पाई जाती है तो उनको भी सजा दी जाएगी. बस मालिक पर एफआईआर दर्ज होगी. परिवहन मंत्री ने ये बयान 'ईटीवी भारत' पर खबर प्रसारित होने के बाद दिया है. 'ईटीवी भारत' संवाददाता ने अपनी खबर में जिक्र किया था कि उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश होने के बाद दिल्ली तक 16 आरटीओ कार्यालय पड़ते हैं, लेकिन परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्तों के हत्थे यह बस अब तक क्यों नहीं चढ़ी?
तीन सदस्यीय समिति का गठन :परिवहन विभाग के अपर परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा) पुष्पसेन सत्यार्थी ने बताया कि उन्नाव सड़क हादसे के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. इसमें डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर लखनऊ जोन सुरेंद्र कुमार, आरटीओ (प्रवर्तन) लखनऊ संदीप कुमार पंकज और उन्नाव के आरआई केके यादव शामिल हैं. इन अधिकारियों को उन्नाव सड़क हादसे की बारीकी से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं.
अपर परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा) पुष्पसेन सत्यार्थी ने बताया कि सेव लाइफ फाउंडेशन और स्टेक होल्डर विभाग पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालक अधिकारी आगरा एक्सप्रेस वे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) उन्नाव को साइंटिफिक क्रश जांच कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं. सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) और संभागीय निरीक्षक को दुर्घटना में लिप्त बस का बस बॉडी कोड एआईएस 119 के आधार पर जांच करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. जांच रिपोर्ट में अगर यह आता है कि बस बॉडी कोड एआईएस 119 से बस भिन्न होती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति शासन को प्रेषित की जाएगी. जांच में रंबल स्ट्रिप, ट्रैफिक कॉमिंग मेजर्स, ओवर स्पीडिंग की भी बारीकी से जांच की जाएगी.