छत्तीसगढ़ में ट्रांसजेंडर कलाकारों ने डांस और मॉडलिंग से बिखेरा जलवा - Transgender Cultural Evening - TRANSGENDER CULTURAL EVENING
Transgender Ramp Walk छत्तीसगढ़ में ट्रांसजेंडर कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए सांझ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस प्रोग्राम में प्रदेशभर के ट्रांसजेंडर कलाकारों ने छत्तीसगढ़ी, राजस्थानी, कत्थक, ओडिशी और लावनी नृत्य पेश कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. ट्रांस मॉडल्स ने जब रैंप वॉक किया तो वहां मौजूद लोग देखते ही रह गए. Transgender Dance
रायपुर: रायपुर के महंत घासीदास संग्रहालय के मुक्ताकाशी मंच में राज्यस्तरीय ट्रांसजेंडर सांस्कृतिक संध्या सांझ 6 का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में ट्रांस जेंडर समुदाय के कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दी. सरकार की तरफ से ट्रांसजेंडर समुदाय की सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए सांझ 6 कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
ट्रांसजेंडर कलाकारों का डांस: सांझ -6 कार्यक्रम की शुरुआत मीरा यादव ने ओडिसी नृत्य से किया. प्रतिमा ग्रुप ने राजस्थानी नृत्य से कार्यक्रम की शुरुआत की. इसके बाद स्वरागिनी ग्रुप के कलाकारों ने राजस्थानी व छत्तीसगढ़ी सुआ गीत, कर्मा गीत, ददरिया व होली के गीतों से कार्यक्रम में मौजूद लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. रायपुर के युवराज बाध और साथियों ने कत्थक में शिव वंदना की प्रस्तुति दी. इसके साथ-साथ उन्होंने कत्थक तिहाई, परन और ठुमरी में अपने अंदाज से लोगों को दिल जीत लिया. युवराज बाध को कत्थक के क्षेत्र में गुररत्न अवॉर्ड, मधुपुरम अवॉर्ड, मधुपुरम सम्मान, गुरू बह्म अवॉर्ड और नृत्य माया अवॉर्ड ले चुके हैं.
ट्रांसजेंडर्स का समाज को संदेश: प्रतिमा डांस ग्रुप ने दहेज की कुरीतियों से संबंधित संगीतमय नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी. इस नृत्य नाटिका के जरिए दहेज प्रथा के खिलाफ संदेश दिया गया, जो बहुत की आकषर्क ढंग से पेश किया गया. पिथौरा महासमुंद की चुरकी मुरकी डांस ग्रुप के कलाकारों ने अपने अंदाज से दर्शकों का मन जीता. कार्यक्रम के दूसरे चरण में ट्रांसजेंडर युवाओं ने रैंप पर फैशन शो किया. ये सरोना स्थित गरिमा गृह के छात्र थे. उन्होंने छत्तीसगढ़ी, इंडियन और इन्द्रघनुषी थीम पर रैप पर मॉडलिंग की.
इस कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति व पुरातत्व विभाग और छत्तीसगढ़ मितवा संकल्प समिति के संयुक्त तत्वाधान में किया गया.कायर्क्रम के मुख्य अतिथि विधायक पुरंदर मिश्रा, विशिष्ट अतिथि के रूप में संचालक पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग विवेक आचार्य उपस्थित रहे. इसके साथ सहायक संचालक, संस्कृति व पुरात्तव विभाग तनुजा बघेल, विशेष अतिथि के रूप छत्तीसगढ़ किन्नर समाज की प्रमुख नगीना नायक, विशिष्ट अतिथि के रूप में सुनीता चंसोरिया, सहायक प्राध्यापक दुर्गा महाविद्यालय और प्रीतम महानंद, सांसद प्रतिनिधि मौजूद रहे.