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सर्दी में धुंध के चलते अब नहीं लेट होंगी ट्रेनें, लोको पायलटों को दिए गये फॉग सेफ्टी डिवाइस - LOCO PILOT FOG SAFETY DEVICE

कोहरे और धुंध के चलते अब ट्रेनें लेट नहीं होंगी. लोको पायलटों को फॉग सेफ्टी डिवाइस दिए जायेंगे जो उनकी मदद करेगा.

LOCO PILOT FOG SAFETY DEVICE
सर्दी में धुंध के चलते अब नहीं लेट होंगी ट्रेनें (File Photo)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 24, 2024, 7:54 PM IST

जींद: ठंड और धुंध का मौसम आ गया है. जिसके चलते ट्रेनों का लेट होना आम बात है. कुछ ट्रेनें एक-दो घंटा तो कुछ 20 से भी ज्यादा घंटे की देरी से अपने
गंतव्य तक पहुंचने लगती हैं. विजिबिलिटी कम होने की वजह से ट्रेनों की रफ्तार कम हो जाती है. जिससे ट्रेनों में सफर करने में परेशानी होती है लेकिन अब धुंध में भी ट्रेन लेट नहीं होगी. लोको पायलटों को फॉग सेफ्टी डिवाइस सौंप दिए हैं. फिलहाल रेलवे जींद में 130 फॉग सेफ्टी डिवाइस हैं, जिनको ट्रेन के संचालन से पहले लोको पायलट को दे दिए जाते हैं. अब डिवाइस धुंध में ट्रेनों को फॉग सेफ्टी डिवाइस रास्ता दिखाएगा और ट्रेनें लेट नहीं होगी.

डिवाइस पहले से बता देगा सिग्नल

फॉग सेफ्टी डिवाइस पायलट को 1500 से दो हजार मीटर पहले ही सिग्नल की सूचना दे देगा. इससे पायलट समय पर ही ट्रेन को रोक सकेंगे. इससे पहले ट्रेन की रफ्तार धीमी रखनी पड़ती थी लेकिन अब ट्रेनों को तेज रफ्तार में दौड़ाया जा सकेगा. रेलवे के अनुसार ऐसी परिस्थितियों में फॉग सेफ्टी डिवाइस को लोको पायलट की मदद के लिए डिजाइन किया गया है. यह उपकरण सिग्नल की सटीक जानकारी देता है. साथ ही अलग स्थानों पर लगे सिग्नल को विशेष रूप से चेतावनी के साथ बताता है. जिससे ट्रेनों का संचालन सुरक्षित और निर्बाध रूप से हो सके.

क्या है फॉग सेफ्टी डिवाइस

फॉग सेफ्टी डिवाइस एक जीपीएस आधारित नेविगेशन सिस्टम है, जो लोको पायलट को गहरी धुंध की स्थिति में ट्रेन चलाने में मदद करता है. इस यंत्र में
एक वायर वाला एंटीना होता है. जिसे इंजन के बाहरी हिस्से में फिक्स कर दिया जाता है. यह एंटीना इस डिवाइस में सिग्नल को रिसीव करने के लिए लगाया जाता है. इसमें एक मेमोरी चिप लगी होती है. जिसमें रेलवे का रूट फिक्स होता है. इसमें रूट में पड़ने वाले लेवल क्रॉसिंग, जनरल क्रॉसिंग सिग्नल और रेलवे स्टेशन तक की जानकारी पहले से ही फीड होती है. यह लोको पायलट को सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग गेट, न्यूट्रल सेक्शन जैसे निश्चित स्थलों के बारे में जानकारी देता है. यह उपकरण सिग्नल की दूरी और ट्रेन की गति को स्क्रीन पर प्रदर्शित करता है. इसके अलावा ये लोको पायलट को अलर्ट भी देता है. जब ट्रेन किसी सिग्नल के करीब होती है.

ट्रेनों की रफ्तार पर नहीं पड़ेगा असर

लोको पायलट को धुंध के समय फॉग सेफ्टी डिवाइस के साथ ट्रेनों की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटे के अलावा जरूरत के अनुसार रफ्तार रखने के निर्देश हंै। फॉग सेफ्टी डिवाइस के बाद पायलट को काफी सुविधा मिलेगी। क्योंकि डिवाइस के माध्यम से पायलट को न सिर्फ आगे आने वाले सिग्नल के साथ-साथ बल्कि रास्ते में पडऩे वाले क्रॉसिंग और रेलवे स्टेशनों की भी जानकारी पहले ही मिल जाएगी.

लोको पायलट को एक-एक फॉग सेफ्टी डिवाइस

जींद रेलवे जंक्शन क्रू कंट्रोलर ओमप्रकाश ने बताया कि फिलहाल 130 फॉग सेफ्टी डिवाइस हैं, जो कि लोको पायलट के मुकाबले ज्यादा है. जींद से रोजाना 25-30 ट्रेनों का संचालन होता है. जिनमें लोको पायलट को एक-एक डिवाइस दिया जाता है.

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