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कैदी से कैनवास के कलाकार, रायपुर सेंट्रल जेल में बंदियों को मिल रही आर्ट की ट्रेनिंग - TRAINING OF PAINTING TO PRISONERS

रायपुर सेंट्रल जेल में कैदियों को अपराध की दुनिया से बाहर आने के लिए कला की ट्रेनिंग दी जा रही है.

PRISONER BECAME ARTISTS OF CANVAS
रायपुर सेंट्रल जेल में कैदियों को ट्रेनिंग (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 19, 2025, 10:41 PM IST

रायपुर: कहते हुनर की तालीम हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती, बस होना चाहिए तो जज्बा. रायपुर सेंट्रल जेल के कैदियों ने इसे सच साबित किया है. क्राइम करने वाले ये हाथ अब कैनवास पर चलते दिखाई दे रहे हैं. रायपुर सेंट्रल जेल की चार दीवारी में बंद कैदियों में से 8 से 10 कैदी पेंटिंग और आर्ट की ट्रेनिंग ले रहे हैं. एक्रेलिक पेंट के जरिए ये कैदी कई तस्वीर बना चुके हैं. रायपुर सेंट्रल जेल के 8 से 10 कैदियों को चित्रकला की बारीकियां सीखने को मिल रही है. पेंटिंग कला में माहिर ये कैदी पहले कभी कोई ट्रेनिंग हासिल नहीं किए थे. जेल में उन्हें नए कार्य करने का विचार आया और पेंटिंग की दुनिया में खुद को इन्होंने रचा बसा लिया.

खाली समय में कैदी सीख रहे पेंटिंग: रायपुर सेंट्रल जेल में बंद 8 से 10 कैदियों में से चार से पांच कैदी कैनवास पर तेजी से हाथ चलाते हैं. अपनी चित्रकला को निखारने के लिए ये कैदी दो से तीन घंटे का खाली समय निकालकर पेंटिंग में अपना समय व्यतीत करते हैं. कैदियों के इस हुनर को निखारने का काम रायपुर सेंट्रल जेल का प्रशासन कर रहा है. जेल प्रशासन ने इन कैदियों को पेंट ब्रश और कैनवास उपलब्ध कराए हैं. पेंटिंग सीखने और करने वाले ये कैदियों का कहना है कि वह जेल से बाहर निकलने के बाद इसे एक पेशे के रूप में अपनाएंगे.

कैनवास के कलाकार बनते कैदी (ETV BHARAT)

मैंने दो तीन साल पहले से ही पेंटिंग की शुरूआत की है. जेल में जब मैं आया तो मेरे अंदर कुछ क्रिएटिव करने का विचार आया. उसके बाद मैं पेंटिंग सीखना शुरू किया हूं. इसके साथ ही और कैदियों को भी पेंटिंग सिखाया जा रहा है. लगभग 10 कैदी पेंटिंग करते हैं, लेकिन चार लोग अच्छे से पेंटिंग बना लेते हैं.जेल से बाहर निकलने के बाद पेंटिंग को ही हम अपनी रोजी रोटी बनाएंगे-सुजीत, कैदी, रायपुर सेंट्रल जेल

कैदियों को पेंटिंग की ट्रेनिंग (ETV BHARAT)

जेल से बाहर निकलने के बाद हम पेंटिंग का काम करना चाहते हैं, जो कि हमारी रोजी-रोटी का जरिया बन सके. 10 कैदी यहां पेंटिंग का काम कर रहे हैं. पेंटिंग के काम में मन भी लगता है.-भेसन, कैदी, रायपुर सेंट्रल जेल

रायपुर सेंट्रल जेल में कैनवास की पाठशाला (ETV BHARAT)

"कई तरह की तस्वीरें बनाने में माहिर": जेल में पेंटिंग सीखने वाले कैदियों का कहना है कि वह अपनी लर्निंग कैपिसिटी से पेंटिंग बनाने का काम कर रहे हैं. आध्यात्मिक चित्रकारी से लेकर हर तरह की चित्रकारी करने की वह प्रैक्टिस करते हैं. अब तक कैदियों ने कई पेंटिंग्स तैयार की है. जिसमें भगवान राम, राधा कृष्ण, माता सीता और लव कुश की तस्वीरें बनाई है. इसके साथ ही वे राजनेताओं की फोटो और पेंटिंग भी बना रहे हैं.

हम किसी भी तस्वीर को देखकर पेंटिंग बना लेते हैं. हमें पेंटिंग बनाने के लिए सिर्फ फोटो की जरूरत होती है. जिसके जरिए हम अपने टैलेंट को चित्रकला के जरिए कैनवास पर उतारते हैं- सुजीत, कैदी

रायपुर जेल प्रशासन की नेक पहल (ETV BHARAT)

"जेल प्रशासन कर रहा मदद": रायपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक अमित शांडिल्य ने ईटीवी भारत को बताया कि कैदियों की रूची कला के क्षेत्र में दिखी. उसके बाद हमने इन कैदियों को पेंट, ब्रश और अन्य सामान उपलब्ध कराए. जिससे ये पेंटिंग का कार्य कर रहे हैं. ये इनकी पॉजिटिव सोच का नतीजा है. हमने तो इन्हें जेल में एक आधार देने की कोशिश की है.

रायपुर सेंट्रल जेल के चार से पांच बंदी ऐसे हैं, जिनकी रुचि पेंटिंग की ओर थी. इसे उन्होंने अपनाया है. पिछले चार-पांच सालों से ये पेंटिंग करते आ रहे हैं. बीते 1 सालों से पेंटिंग में उनकी रुचि और भी बढ़ गई है. जेल प्रशासन के द्वारा उन्हें पेंट ब्रश और कैनवस उपलब्ध कराया जा रहा है- अमित शांडिल्य, जेल अधीक्षक, रायपुर सेंट्रल जेल

"कला के जरिए बंदियों को मिलेगी पहचान": रायपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक अमित शांडिल्य ने कहा कि कैदियों को हमने कला के क्षेत्र में मदद की. जिसके जरिए वे अपनी कला और प्रतिभा को निखारने का काम कर रहे हैं. उनकी पेंटिंग की इस कला में बेहतर सुधार आया है.बंदियों को दिशा देने की जरूरत रहती है और इस दिशा को हमने दिया है. जिसके बाद वह पेंटिंग तैयार कर रहे हैं. इस तरह का टैलेंट होने से जब वह जेल से छूटकर बाहर जाएंगे तब वह अपने पैरों पर खड़े हो सकेंगे.

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