बिलासपुर : पति-पत्नी के बीच झगड़ा होना आम बात है. लेकिन आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक स्टेशन मास्ट पति और उनकी पत्नी के झगड़े का खामियाजा रेलवे को भुगतना पड़ा. इसकी वजह से रेलवे को 3 करोड़ का नुकसान हो गया. इस नुकसान के बाद पति स्टेशन मास्टर को रेलवे ने निलंबन कर दिया. पत्नी के इस व्यवहार से क्षुब्ध पति ने तलाक के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जिसे बिलासपुर हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
पति-पत्नी के झगड़े से रेलवे को लगी चपत : याचिकाकर्ता स्टेशन मास्टर के वकील ने बताया कि एक रात स्टेशन मास्टर पति ड्यूटी पर था. इस दौरान पत्नी फोन पर उससे विवाद करने लगी. झगड़े के बीच स्टेशन मास्टर पति ने उसे घर आकर बात करेंगे कहा और अंतिम शब्द OK कह दिया. माइक में OK शब्द सुनकर साथी रेलवे कर्मचारी ने जिस रूट के ट्रेन को रोकना था, उसे ग्रीन सिग्नल दे दिया. नक्सल क्षेत्र होने के कारण उस रेल खंड में रात 10 से सुबह 6 बजे तक रेल यातायात निषेधित है. इसकी वजह से रेलवे को 3 करोड़ का नुकसान हुआ.
पति पत्नी के झगड़े से रेलवे को नुकसान (ETV Bharat)
वेंकटगिरी राव विशाखापत्तनम का निवासी है और स्टेशन मास्टर हैं. उनकी शादी भिलाई निवासी महिला से हुई थी. शादी के दिन से ही दोनों पति पत्नी के रिश्ते तल्ख रहे और दोनों के बीच वाद विवाद बढ़ता रहा. ऐसा भी समय आया जब पत्नी फोन कर पति को परेशान करने लगी. एक दिन फोन पर झगड़ा करते इतना टेंशन हो गया कि हमारे पक्षकार ने ट्रेन को रोकने के बजाए जाने का सिग्नल दे दिया. जिसकी वजह से रेलवे को लगभग तीन करोड़ का नुकसान हो गया. बाद में उन्हें सस्पेंड किया गया. : विपिन तिवारी, अधिवक्ता, याचिकाकर्ता
पति ने तलाक के लिए लगाई याचिका : याचिकाकर्ता के वकील के मुताबिक, स्टेशन मास्टर पति ने पत्नी के इस तरह के व्यवहार से क्षुब्ध होकर तलाक के लिए विशाखापटनम परिवार न्यायालय में याचिका दायर की. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से केस दुर्ग परिवार न्यायालय ट्रांसफर किया गया. जिसके बाद पत्नी ने भी पति और उसके परिवारजनों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की रिपोर्ट लिखाई. इस बीच दुर्ग परिवार न्यायालय से आवेदन खारिज हो गया. जिसके बाद पीड़ित पति ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका लगाई.
पत्नी पर मानसिक क्रूरता का आरोप : याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि बिलासपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया गया कि पत्नी ने पति व अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की झूठी रिपोर्ट लिखाई है. हाईकोर्ट में पत्नी दहेज की रकम कब व कैसे ददी गई, यह साबित नहीं कर पाई. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डीबी ने पत्नी के इस व्यवहार को क्रूरता माना और दुर्ग परिवार न्यायालय के निर्णय को रद्द किया. बिलासपुर हाईकोर्ट ने पति के तलाक की याचिका को स्वीकार कर लिया है.
जानिए पति पत्नी के झगड़े की वजह : जानकारी के मुताबिक, याचिकाकर्ता वेंकटगिरी राव विशाखापत्तनम का निवासी है और स्टेशन मास्टर हैं. जिसकी 12 अक्टूबर 2011 को भिलाई के चरोदा निवासी युवती से हिन्दू रीति रिवाज से शादी हुई. इस विवाह से पत्नी खुश नहीं थी. 14 अक्टूबर 2011 को पति ने विशाखापटनम में रिसेप्शन हुआ. इस दौरान नवविवाहिता पत्नी ने पति को बताया कि उसका इंजीनियरिंग कॉलेज के लाइब्रेरियन के साथ प्रेम संबंध है. उसने प्रेमी के साथ कई बार शारीरिक संबंध भी बनाया है.
पति ने इस बात की जानकारी नवविवाहिता के पिता को दी. तब पिता ने अपनी बेटी को समझाया और भविष्य में ऐसा न करने की गारंटी ली. जिसके बाद दोनों साथ रह रहे थे. वहीं, पीड़ित पति का आरोप है कि इस वाकये के बाद भी पत्नी अपने प्रेमी से बात करती थी. इसके बाद लगातार पत्नी की मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर पति ने विशाखापट्टनम परिवार न्यायालय में तलाक के लिए आवेदन पेश किया.