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तिरुपति प्रसादम मामला; पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बोले, बाबा विश्वनाथ का प्रसाद मिलने पर हुई शंका, प्रसाद में मिलावट पाप - Tirupati Prasadam Case

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

आईएमएस BHU के आयुर्वेद संकाय में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लेने आए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरुपति प्रसाद मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की.

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वाराणसी के कार्यक्रम में मंच पर मौजूद पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद. (Photo Credit; ETV Bharat)

वाराणसी: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वाराणसी में तिरुपति प्रसाद मामले पर चिंता जाहिर की है. कहा कि, मैं प्रसादम के पॉलिटिकल एंगल में नहीं जा रहा हूं लेकिन यह कहना चाहता हूं कि यह श्रद्धा के साथ पाप है. जब मुझे यहां बाबा विश्वनाथ का प्रसाद मिला तो मेरे मन में तिरुपति प्रसादम मामले को लेकर शंका उठी. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी आए हैं.

उन्होंने शनिवार को आईएमएस BHU के आयुर्वेद संकाय में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लिया. कार्यक्रम में उन्होंने तिरुपति प्रसाद मामले पर अपनी बात रखी. कहा कि, तिरुपति का मामला बेहद चिंताजनक है. इससे प्रसाद के प्रति हिंदुओं में जो श्रद्धा होती है उसमें शंका उत्पन्न होती है.

उन्होंने कहा कि जब मैं यहां आया तो मुझे बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने का सौभाग्य तो नहीं मिला. मैंने कान पकड़कर क्षमा भी मांग ली कि, अगली बार आऊंगा तो दर्शन जरूर करूंगा. लेकिन, मेरे सहयोगी दर्शन करने गए थे. उन्होंने रात में मुझे प्रसाद दिया तो तिरुपति प्रसादम की बात खटकी.

प्रसाद में मिलावटपन हिंदू शास्त्रों में है पाप:उन्होंने कहा कि मैं यहां अकेला नहीं हूं बल्कि आप लोगों के साथ भी ऐसा होगा. बाबा विश्वनाथ का प्रसाद मिलता है तो उसमें आज भी कितनी श्रद्धा है, मैं उसमें जाना नहीं चाहता लेकिन, यह कहना चाहता हूं कि यह हर मंदिर और तीर्थ स्थल की कहानी हो सकती है. यह जो मिलावटपन है, उसे हिंदू शास्त्रों में पाप कहा जाता है और इस पर विचार होना चाहिए. यह एक जगह से उत्पन्न नहीं होता यह एक विशेष सर्कल होता है.

दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन:आईएमएस के काया चिकित्सा विभाग की ओर से भारतीय गाय जैविक कृषि एवं पंचगवी चिकित्सा कार्यक्रम को लेकर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया है. जहां पर पूर्व राष्ट्रपति बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में गाय के दूध में किस तरीके के गुण पाए जाते हैं, कैसे इसका प्रयोग अलग-अलग औषधीय में किया जा सकता है. इस पर चर्चा की जा रही है. यह चर्चा दो दिन तक चलेगी.

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