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राम मंदिर की वर्षगांठ मनाने साढ़े तीन लाख श्रद्धालु पहुंचे अयोध्या, रामलला के समक्ष हुए विभिन्न आयोजन - AYODHYA RAM MANDIR

तीन दिवसीय राम लला प्रतिष्ठा द्वादशी महोत्सव का समापन, आखिरी दिन राग सेवा कार्यक्रम में प्रतिष्ठित कलाकारों ने दी प्रस्तुति

प्रतिष्ठा द्वादशी महोत्सव का समापन.
प्रतिष्ठा द्वादशी महोत्सव का समापन. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 13, 2025, 8:53 PM IST

Updated : Jan 13, 2025, 10:46 PM IST

अयोध्या: राम मंदिर में विराजमान रामलला के पहले वर्ष गांठ पर तीन दिवसीय आयोजन बड़े ही धूम धाम से सम्पन्न हुआ. इस दौरान साढ़े तीन लाख श्रद्धालुओं राम मंदिर में दर्शन पूजन किया. प्रतिष्ठा द्वादशी महोत्सव के तीसरे दिन की भी शुरुआत रामलला के श्रृंगार आरती के साथ प्रारंभ हुआ. तिथि के अनुसार सफ़ेद रंग का वस्त्र और स्वर्ण मुकुट धारण कराया गया.

वहीं, राम जन्मभूमि परिसर स्थित अनुष्ठान यज्ञशाला में पौष शुक्ल पूर्णिमा तिथि पर श्री राम बीज मन्त्रों का अनुष्ठान और 21 वैदिक आचार्य के द्वारा 6 लाख जाप संपन्न किया गया. 11 वैदिक शुक्ल यजुर्वेद के मन्त्रोंच्चारण से आहुति डाली गई. जिस दौरान मुख्य यजमान के रूप गोपाल जी राव, पूर्व मेयर ऋषिकेश, पूर्व सांसद लल्लू सिंह द्वारा सम्पन्न कराया गया. जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने रामलला का पूजन किया.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने बताया कि 11 जनवरी से शुरू हुए तीन दिवसीय कार्यक्रम की तैयारी पहले ही तय कर दी गई थी. इन तीन दिनों तक सुबह सबसे पहले रामलला का सुगंधित द्रव्यों से अभिषेक पूजन किया गया. जिसके बाद मंदिर परिसर में चारों वेदों का पारायण किया गया और राम संरक्षण मंत्र का अखंड जप किया गया. यज्ञशाला में आचार्यों के द्वारा आहुति देकर अनुष्ठान भी संपन्न हुआ. उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय आयोजन पूरे देश भर में भी मनाया गया है. इसलिए अभी स्थिति को भव्यता देने के साथ स्थाई रूप प्रदान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव के पहले दिन प्रथम 122035, दूसरे दिन 130155 और तीसरे दिन 105070 श्रद्धालु रामनगरी पहुंचकर दर्शन पूजन किया.

आखिरी दिन राग सेवा कार्यक्रम से परिसर हुआ राममयःवहीं, अंतिम विराजमान रामलला को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से आनंदित करने के लिए राग सेवा का आयोजन हुआ. जिसमें त्रिचूर ब्रदर्स के रूप में विश्वविख्यात गायक श्रीराम मोहन और श्रीकृष्ण मोहन के द्वारा कर्नाटक पद्धति पर शास्त्रीय गायन और श्री राम भजन कि प्रस्तुति दी. इसके बाद प्रख्यात कथक नृत्यांगना शोभना नारायण श्री राम रमण मनोरम कथा पर आधारित सुंदर कथक प्रस्तुति कर लोगों को अहलादित कर दिया. समापन दिवस पर अंतिम प्रस्तुति आरती अंकलीकर टिकेकर के भजन और शास्त्रीय गायन पूरे मंदिर परिसर को राममय कर दिया.

अयोध्या के तीर्थों का विकास कर रही योगी सरकार: राम मंदिर परिसर स्थित अंगद टीला पर तीसरे दिन सबसे पहले रामानुजाचार्य विद्या भास्कर स्वामी वासुदेवाचार्य ने रामकथा के माध्यम से भगवान राम के जीवन चरित्र से लोगों को आत्मसात करने का संदेश दिया. इसके साथी अयोध्या में चल रही विकास के कार्यों को लेकर कहा कि इन दोनों अयोध्या में सड़कों की चौड़ीकरण का कार्य भी चल रहा है. लेकिन कुछ लोग अपनी मठ मंदिर की सुरक्षा के लिए खड़े हो जाते हैं. अयोध्या एक तीर्थ इसके विकास के लिए सभी को कुछ ना कुछ त्याग करना ही होगा. यहां पर बहुत से ऐसे ऐतिहासिक इमारत भी है, जिसका ध्यान प्रदेश सरकार रख रही है. अयोध्या के कुछ प्रमुख घाट प्रहलाद घाट, कौशल्या घाट सहित अन्य अपने विकास के लिए इंतजार कर रही हैं. प्रवचन सत्र के दौरान अयोध्या के विभिन्न मंदिरों के महंत और संत धर्म आचार्य रामलला के प्रति अपनी भाग समर्पित किया. वहीं, देर शाम विट्ठल कवि डॉक्टर कुमार विश्वास ने भगवान श्री राम के प्रति कविता के माध्यम लोगों को भाव विभोर कर दिया. अंतिम कार्यक्रम की प्रस्तुति देती हुए पद्मश्री भजन गायिका मालिनी अवस्थी ने अपने भजनों से मौजूद श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया.

राम जन्मभूमि परिसर के संपूर्ण निर्माण में अब तक 1200 करोड़ खर्चःश्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने राम जन्मभूमि परिसर संपूर्ण निर्माण कार्य में 1800 से 2000 करोड़ तक खर्च होने का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा कि सभी कार्य पूर्णता की ओर जा रहा है. 3 महीने में सभी मंदिरों के कार्य पूर्ण हो जाएंगे. इसके पश्चात इन मंदिरों में मूर्तियों की स्थापना की जाएगी. मंदिर के शिखर का निर्माण भी चल रहा है, जिसे मार्च तक पूरा होने की संभावना है. गोविंद देवगिरी ने बताया कि प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव को राम मंदिर ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में मनाया गया है. स्थाई रूप देते हुए इस उत्सव को और विस्तारित किया जाएगा. प्रत्येक वर्ष प्रतिष्ठा द्वादशी का उत्सव मनाया जाएगा. इसके साथ ही मंदिर में रामनवमी, झूलनोत्सव, विजयादशमी, कार्तिक उत्सव, विवाह पंचमी मुख्य रूप से मंदिर परिसर मनाए जाने की तैयारी है.

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Last Updated : Jan 13, 2025, 10:46 PM IST

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