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कल से शुरू हो रहा नयार घाटी एडवेंचर स्पोर्ट्स फेस्टिवल, साहसिक और धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

पौड़ी गढ़वाल जिले में एडवेंचर टूरिज्म की अपार संभावनाएं, नयार घाटी में आयोजित किया जा रहा एडवेंचर स्पोर्ट्स फेस्टिवल.

NAYAR VALLEY ADVENTURE SPORTS
नयार घाटी एडवेंचर स्पोर्ट्स फेस्टिवल (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 5 hours ago

श्रीनगर:उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में एडवेंचर टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं. इन संभावनाओं को तलाशने और क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन पौड़ी गढ़वाल और पर्यटन विभाग 23 से 25 अक्टूबर तक नयार घाटी फेस्टिवल का आयोजन कराने जा रहा है. यह आयोजन देवप्रयाग के पास व्यास घाट क्षेत्र में साहसिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है, जिससे जनपद में पर्यटन को एक नई पहचान मिले और पौड़ी को पर्यटन मानचित्र पर उभारा जा सके.

इस फेस्टिवल में साहसिक गतिविधियों को प्रमुख रूप से स्थान दिया जाएगा, जिनमें राफ्टिंग, गंगा पथ ट्रेकिंग और फिश एंगलिंग जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया है. साहसिक पर्यटन के साथ ही धार्मिक पर्यटन को भी खास महत्व दिया गया है. रोजाना देवप्रयाग में गंगा आरती की जाएगी, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगी. तीन दिन तक चलने वाले फेस्टिवल के दौरान नयार घाटी पर्यटकों से गुलजार रहेगी.

ओम वैली रूप में विकसित होगी घाटी: पौड़ी गढ़वाल जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि इस फेस्टिवल के जरिये नयार घाटी में टूरिस्टों को आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा. जिससे जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके. इसके अलावा पूरी घाटी को "ओम वैली" के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के साधन भी सृजित होंगे.

गंगा पथ की सैर करेंगे पर्यटक: जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल आशीष चौहान ने बताया कि नयार घाटी फेस्टिवल में बड़ी संख्या में पर्यटक और साहसिक खेलों में रुचि रखने वाले लोग पहुंचेंगे, जिससे पर्यटन को काफी हद तक बढ़ावा मिलेगा. साहसिक पर्यटन के साथ-साथ जिले में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं को भी तलाशा जा रहा है. इसके लिए पौराणिक समय में चारधाम यात्रा के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले यात्रा मार्ग और गंगा पथ पर पर्यटकों को सैर करवाई जाएगी. इससे पर्यटक न केवल गंगा पथ के बारे में जान सकेंगे, बल्कि यह भी समझ पाएंगे कि पौराणिक समय में चारधाम यात्रा कहां से शुरू होती थी. इस पहल से गंगा पथ पर स्थित क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह क्षेत्र दोबारा पर्यटन के मानचित्र पर उभर सकेगा.

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