हरिद्वार में कलयुग के 'श्रवण कुमार' (वीडियो- ETV Bharat) हरिद्वार:सतयुग में श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता को अपने कंधों पर कांवड़ में बैठाकर चारधाम की यात्रा कराई थी. ऐसा ही कुछ कलयुग में देखने को मिला है. जहां तीन भाई अपने माता-पिता को तीर्थ यात्रा करा रहे हैं. जी हां, हरियाणा के भिवानी के तीन भाई अपने माता-पिता को कंधों पर बिठाकर कांवड़ यात्रा कर रहे हैं.
बता दें कि 22 जुलाई से सावन माह शुरू हो रहा है. इसके साथ ही कांवड़ यात्रा का भी आगाज हो जाएगा, लेकिन उससे पहले ही हरिद्वार की सड़कों पर सैकड़ों की तादाद में कावंड़िए हरकी पैड़ी से गंगाजल भर अपने गंतव्य की ओर जाते दिखाए दे रहे हैं.
यूं तो इन जाते हुए कांवड़ियों में भक्ति के विभिन्न रंग देखने को मिलते हैं, लेकिन कुछ एक ऐसे भी होते हैं, जो अनन्यास ही अपनी ओर खींच लेते हैं. ऐसे ही कुछ सड़कों पर देखने को मिला. जहां हरियाणा के भिवानी के तीन भाई अपने माता-पिता को कंधों पर बिठाकर ले जाते दिखे.
हरिद्वार की सड़कों पर 'श्रवण कुमार' (फोटो सोर्स- ETV Bharat) हरियाणा के भिवानी से आए अशोक और उसके दो भाई मिलकर अपने माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर अपने कंधों पर कांवड़ यात्रा कर रहे हैं. कांवड़ यात्रा कर रहे अशोक का कहना है कि सतयुग के श्रवण कुमार भी एक इंसान ही थे, इसलिए वो भी अपने माता-पिता के लिए श्रवण कुमार बनकर दिखाना चाहते हैं. भोले की मर्जी के अनुसार ही अपने माता-पिता को अपने कंधों पर कांवड़ यात्रा करा रहे हैं.
वो अपने माता-पिता को कंधों पर बिठाकर कांवड़ यात्रा कर रहे हैं. अशोक और उसके दोनों भाई माता-पिता को कांवड़ यात्रा करने से बेहद खुश हैं तो वहीं उनके माता-पिता भी अपने बच्चों के इस कार्य से बेहद खुश दिखाई दिए. उनकी माता अपने बच्चों को ढेर सारा आशीर्वाद दे रही थीं तो वहीं उनके पिता अपनी बेटों की ओर से किए जा रहे इस काम की तारीफ करते दिखे.
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