संतकबीरनगर:कोतवाली थाना क्षेत्र में डीघा गांव में अब भी तनावपूर्ण माहौल है. गांव की रहने वाली और सुभासपा की प्रदेश महासचिव नंदनी राजभर की रविवार को धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी. मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जबकि एक फरार है. समाज के लिए हमेशा लड़ने वाली नंदनी की हत्या के पीछे जमीन का विवाद सामने आया है. नंदनी की हत्या से पहले इसी विवाद में उसके चचेरे ससुर की भी जान जा चुकी है. परिजनों का कहना है कि आरोपियों की धमकी पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. अगर चेती होती तो पहले चाचा और फिर नंदनी की जान नहीं जाती.
जमीन का विवाद, चचेरे ससुर की ट्रैक पर मिली थी लाश
सुभासपा की महिला नेता नंदनी राजभर की शादी वर्ष 2011 में कोतवाली थाना क्षेत्र के डीघा गांव निवासी अच्छेलाल राजभर से हुई थी. परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था. पति अच्छे लाल मजदूरी करता था. दोनों को 7 साल का एक बच्चा भी है. नंदनी ने 6 साल पहले ही राजनीति कदम रख दिया. सुभासपा ज्वाइन करने के बाद नंदनी समाज की लड़ाई मुखर होकर लड़ने लगी. सब कुछ ठीक ही चल रहा था. इसी बीच नंदनी के चचरे ससुर बाल किशन का जमीन को लेकर विवाद हो गया. परिजनों का आरोप था कि पन्ने लाल यादव, श्रवण यादव और ध्रुव चंद यादव ने लाखों की जमीन बिना पैसा दिए ही रजिस्ट्री करा ली. बालकिशन जब पैसे मांगता, उसे धमकी दी जाती. 29 फरवरी को बालकिशन का शव रेलवे ट्रैक पर मिला. परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी. मामले में पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत करते हुए श्रवण यादव को जेल भेज दिया था. परिजनों का आरोप है कि दो आरोपी खुलेआम घूम रहे थे. उनको गिरफ्तार नहीं किया गया.
नंदिनी ने लड़ी लड़ाई, मिली मौत