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खुले आसमान के नीचे पड़ा है हजारों क्विंटल अन्नदाता का धान, अफसर एक दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी - PADDY IS KEPT IN OPEN

अरनपुर धान खरीदी केंद्र जो अनाज रखा है उसे ढकने तक की व्यवस्था नहीं है. बारिश होने पर धान खराब हो सकता है.

Paddy is kept in open
जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 25, 2025, 7:50 PM IST

दंतेवाड़ा:विष्णु देव साय सरकार ने धान खरीदी की शुरुआत 14 नवंबर 2024 से की थी. धान खरीदी की अंतिम तारीख 31 जनवरी 2025 थी. प्रदेश भर के किसानों से रिकार्ड धान की खरीदी सरकार ने की. दंतेवाड़ा में भी किसानों ने समितियों के माध्यम से धान बेचा. धान खरीदी के बाद दंतेवाड़ा के अरनपुर खरीदी केंद्र धान से भरे बोरों को स्टॉक किया गया. करीब एक महीने होने को हैं अभी तक यहां से धान के स्टॉक को उठाया नहीं गया है. हजारों क्विंटल धान आज भी खुले आसमान के नीचे पड़ा है. अगर बारिश होती है तो पूरा का पूरा धान खराब हो सकता है. धान के बोरों को ढकने के लिए तिरपाल और प्लास्टिक तक की व्यवस्था नहीं है.

खुले आसमान के नीचे पड़ा है धान: आंकड़ों के मुताबिक में 15 हजार क्विटल धान खरीदा गया है. खरीदे गए धान का एक भी बोरा अबतक उठाया नहीं गया है. धान का उठाव नहीं होने से हजारों क्विटंल धान ऐसे ही पड़ा है. धान खरीदी केंद्र के पास में ही बालक आश्रम भवन है वहां पर भी धान के बोरों की रखा गया है. धान के भंडारण और रख रखाव के जो नियम होते हैं उन नियमों तक का पालन नहीं किया गया है.

जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं (ETV Bharat)

कौन लेगा जिम्मेदारी: लापरवाही पर सवाल ये उठता है कि जब धान का उठाव नहीं हो पा रहा है तो बफर स्टॉक से अधिक धान खरीदने पर रोक क्यों नहीं लगाई गई. जिला खाद्य अधिकारी और जिला विपणन अधिकारी दोनों को चाहिए था धान को सुरक्षित रखवाया जाए. धान रखने के लिए प्रशिक्षित हम्मालों की व्यवस्था करें.

रायपुर से डीओ नहीं कट रहा है. अरनपुर में 16,976 क्विंटल धान की खरीदी हुई है. हमने 14220 क्विंटल धान का टीओ जारी कर दिया है. जिसमें 3910 क्विंटल धान का उठाव हो चुका है. 10310 क्विंटल धान अब भी संग्रहण केंद्र में रखा हुआ है. धान को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हमारी नहीं, खरीदी करने वाली समिति की होती है. हमाल छुट्टी पर चले गए हैं - एस शांडिल्य, डीएमओ

खाद्य अधिकारी कीर्ति कौशिक की दलील: खुले धान पड़े होने पर जब ईटीवी भारत की टीम ने खाद्य अधिकारी कीर्ति कौशिक से फोन पर बात की तो वो मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए. पूरी प्रक्रिया के लिए वो खरीदी समिति को दोषी ठहराते रहे.

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