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काशी का सबसे महंगा राम दरबार: 25 लाख है कीमत, 4 फीट है ऊंचाई - most expensive Ram Darbar

काशी के ओम प्रकाश शर्मा ने सबसे महंगा राम दरबार तैयार किया है. इसकी कीमत 25 लाख रुपये है. आइए जानते हैं पूरी डिटेल्स

This is the most expensive Ram Darbar of Kashi the price is 25 lakhs in Varanasi
राम दरबार

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 18, 2024, 6:20 PM IST

स्पेशल स्टोरी

वाराणसी:यूपी केकाशी के ओम प्रकाश शर्मा ने सबसे महंगा राम दरबार तैयार किया है. इसकी कीमत 25 लाख रुपये है. खास बात यह है कि इस राम दरबार को इन्होंने बनारस के हजारों साल पुरानी शैली में तैयार किया है. इसे तैयार करने में इन्हें दो साल लगे. यह राम दरबार साढ़े 4 फीट का है और इसे कैमा की लकड़ी पर बनाया गया है.

इसको लेकर मूर्तिकार ओम प्रकाश बताया कि यह लकड़ी हजारों साल तक इसी अवस्था में रह सकती है. बनारस की हजारों साल पुरानी काष्ठ कला को प्रभु श्रीराम के चरणों में समर्पित किया गया है. इसे बनारस की पुरानी कला के अंदाज में तैयार किया गया है, जिसके लिए यह कला जानी जाती रही है. उन्होंने कहा कि यह भगवान राम का 4 फिट का राम दरबार है, जिसे बनारस का अबतक का सबसे कीमती और बेहतरीन राम दरबार कहा जा रहा है. इसकी नक्काशी बनारस की पुरानी काष्ठ कला पर की गई है. इस राम दरबार में भगवान राम के साथ उनके परिवार और गुरु वशिष्ठ को भी दर्शाया गया है.

नहीं किया गया है मशीन का प्रयोग
ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि इसको पूरी तरह हाथ से बनाया गया है. यह काफी पुरानी आर्ट है. यह वाराणसी की कला है और वाराणसी की कला में अब तक का सबसे बेहतर राम दरबार है, जोकि काफी महंगा है. इसकी कीमत 25 लाख रुपये है. इसे हमने कोरोना काल में करीब दो साल के समय में तैयार किया है. इसमें मशीन का प्रयोग नहीं किया गया है. इस राम दरबार को हमने कैमा की लकड़ी पर बनाया है, जोकि काफी अच्छी लकड़ी होती है.

इस तरीके से तैयार हुआ राम दरबार
उन्होंने बताया कि यह लकड़ी हजारों साल तक इसी तरीके से रहेगी. राम दरबार में सभी चीजें खुदाई करके बनाई गई हैं. पहले हम इसकी ड्राइंग करते हैं, फिर इसकी कटिंग करते हैं. इसके बाद खुदाई करके हाथ से ही इसे बनाते हैं. इसी कला और लकड़ी के माध्यम से माता सीता, प्रभु रामचंद्र, उनके भाई, हनुमान जी, गुरु वशिष्ठ जी लोगों को इसमें दिखाया गया है. जो राज्याभिषेक का दृश्य था. वहीं, दृश्य हमने दिखाने की कोशिश की है. भगवान राम के साथ सूर्यवंश को दिखाने की भी कोशिश की गई है. इसमें सूर्य को भी दर्शाया गया है.

लगभग 7 पीढ़ियां इस काम में लगीं
ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि इस कला को हम काशी की प्राचीन काष्ठ कला कहते हैं. हमारे परिवार में 5-7 पीढ़ियों इस कला में काम होता आया है. इस समय हैंडीक्राफ्ट में काफी काम हुआ है. हम लोग इसे आगे भी करना चाहते हैं. इसके साथ ही साथ हम इसे लोगों को सिखाना भी चाहते हैं. कलाकार जब बढ़ेंगे तभी कला सुरक्षित होगी.

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