जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में हाल ही में करीब 3 करोड़ की लागत से तैयार किए गए जिस संविधान स्तंभ की अब तक तारीफों के पुल बांधे जा रहे थे, अब उसमें कई बड़ी गलतियां सामने आई हैं. संविधान स्तंभ में फंडामेंटल ड्यूटीज को गलत भाग में दिखाया गया है. इसी तरह इमरजेंसी प्रोविजन को भी गलत भाग में दर्शाया गया है. सवाल ये है कि करोड़ों रुपए की लागत और संविधान विशेषज्ञों की राय के बाद भी इतनी बड़ी चूक कैसे रह गई?
राजस्थान विश्वविद्यालय में हाल ही में देश का पहला संविधान स्तंभ बनकर तैयार हुआ. खुद प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस संविधान स्तंभ का लोकार्पण किया. 75 फीट ऊंचे इस स्तंभ में आजादी के अविस्मरणीय पल स्कल्पचर्स के जरिए दर्शाए गए हैं. यही नहीं 1946 से 1925 तक की संविधान के बनने की कहानी को भी दर्शाया गया है. यहां संविधान की मूल प्रति में जिस शैली में चित्रों के माध्यम से नागरिकों के अधिकार, कर्तव्य और मूल सिद्धांतों को समझाया गया है. इस तरह चित्र इस मार्बल के स्तंभ पर उगेरे गए हैं, लेकिन इनके साथ कुछ जगह कई बड़ी गलतियां छोड़ दी गई हैं.
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