अयोध्याः अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है. आगामी दिसंबर तक मंदिर के शिखर तक का कार्य पूरा हो जायेगा. वहीं, मंदिर की सुरक्षा के साथ उसकी भव्यता को बढ़ा रही 800 मीटर लम्बे परकोटे का निर्माण भी मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जायेगा. इसके साथ मदिर परिसर में बन रहे अन्य मदिरों का निर्माण शुरू हो गया है. जिन्हे भी पत्थरों से ही तैयार किया जा रहा है. यह जानकारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए दी है.
चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर की सुरक्षा में बन रहे आयातकार परकोटे का निर्माण में लगभग 40 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है. यह कार्य अगले 8 माह में पूरा करने का लक्ष्य है. इसके लिए 2000 से अधिक मजदूर लगाए गए हैं. जो कि तीन अलग अलग शिफ्ट में कार्य कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि भगवान श्री रामलला का सिंहसान मंदिर के भूतल पर है. उसके प्रथम तल पर भगवान राम माता जानकी अपने तीनों भाइयों और हनुमान जी के साथ विराजित होंगी. मंदिर के चारों ओर परकोटा बनेगा. उसके चार कोने होंगे जो कि आयतकार है. जिसके चारों अलग अलग कोने पर सूर्य, गणपति, भगवती और शंकर के पंचायतान मंदिर बनेगे.
आयताकार में दो तरफ की भुजाये लम्बी होती हैं. इन भुजाओं में हनुमान जी और दूसरी भुजा में माता अन्नपूर्णना देवी का मंदिर होगा. राम मंदिर के निकट शेषवतार के रूप में लक्षमण का मंदिर बन रहा है. महर्षि बाल्मीकि, विश्वामित्र, गुरु वशिष्ठ, महर्षि अगस्त्य इसके अलावा निषाद, शबरी, अहिल्या और रामायण को समाज के बीच पहुंचने वाली गोस्वामी तुलसीदास का भी मंदिर बनेंगे.
जल्द ही राम मंदिर की सुरक्षा एनएसजी के हाथों में होगी