जनता ने बताई बजट से अपनी उम्मीदें (वीडियो ईटीवी भारत कुचामनसिटी) कुचामनसिटी. केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार 3.0 का पहला आम बजट 23 जुलाई को पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्माला सीतारामण संसद में 23 को केंद्रीय बजट पेश करेंगी. इस बजट से डीडवाना कुचामन जिले के लोगों को भी बड़ी आशाएं हैं. आम जनता उम्मीद कर रही है कि सरकार उन्हें इनकम टैक्स सीमा में राहत देगी. महंगाई कम करने के उपाय करेगी और अग्निवीर जैसी योजना में बदलाव करेगी, ताकि युवाओं में असंतोष कम होगा. आगामी बजट को लेकर ईटीवी भारत ने डीडवाना कुचामन जिले के व्यापारियों और युवाओं से आम बजट से उम्मीदों व अपेक्षाओं पर बातचीत की. इस बातचीत को लेकर पेश है एक रिपोर्ट:
बजट को लेकर छात्रा यशी दाधीचने कहा कि शिक्षा की हर जगह बड़ी भूमिका होती है. इसलिए स्कूलों द्वारा ली जाने वाली फीस नियंत्रित होनी चाहिए. निजी स्कूलों में फीस इतनी ज्यादा होती है कि एक आदमी के पास फीस देने के बाद कुछ बचता ही नहीं. उन्होंने कहा कि हमारे देश में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है. युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार बहुत कुछ कर सकती है. आने वाले बजट में हम उम्मीद करते हैं कि सरकार रोजगार के लिए बहुत सारी योजनाएं लाएगी, जिससे कि युवाओं को रोजगार मिल सके.
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मार्बल व्यवसाय से जुड़े व्यापारी राम काबरा ने कहा कि बजट कॉमन मैन के लिए होना चाहिए, न कि अपर क्लास के लोगों के लिए. उन्होंने कहा कि महंगाई बहुत बढ़ी है. इस कारण काफी तकलीफे हैं. उन्होंने कहा कि जीएसटी की दरें भी कम होनी चाहिए, जिससे कि व्यापारियों को उसका फायदा हो, साथ ही उन्होंने कहा कि ऑनलाइन खरीददारी से रिटेल व्यापार प्रभावित हो रहा है. इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. छोटे व्यापारियों को बड़ा नुकसान हो रहा है.
कॉलेज की छात्राउपज्ञा मिश्रा ने कहा कि आने वाले बजट में सरकार को अग्निवीर योजना में संशोधन करना चाहिए. इसका समय बढ़ाया जाए. साथ ही अग्निवीर से रिटायर युवा को तुरंत ही दूसरी सरकारी नौकरी मिलने का विकल्प मिले. सिलेंडर में सब्सिडी के बाद भी महिलाओं का घर का बजट गड़बड़ा जाता है. इसलिए गैस के दाम कम किए जाएं.
चार्टर्ड एकाउंटेंट मुकेश रूंवटियाने कहा कि आयकर छूट की सीमा को बढ़ाए जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि व्यापारियों के लिए बड़ी परेशानी धारा 43 G है. इसका सरलीकरण करें , मेड इन इंडिया में भी कुछ विशेष करें, जिससे कि छोटे-छोटे व्यापारियों को भी उसका लाभ हो और रोजगार के आयाम बढ़ाए जाए.
व्यापारी बसंत परसावतने कहा कि सरकार को पेट्रोल और डीजल को वैट के दायरे से हटाकर जीएसटी में ले आना चाहिए. इससे पेट्रोल डीजल सस्ते होंगे. साथ ही महंगाई कम करने के लिए दैनिक जीवन में काम आने वाली चीजों से जीएसटी या तो हटा देनी चाहिए या बहुत कम कर देनी चाहिए.