उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

इस बार खास है सावन, प्रीति योग, आयुष्मान योग और सर्वार्थ सिद्धि योग में बरसेगी भोले की कृपा, जानिए पूजन का तरीका - Sawan 2024

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 18, 2024, 8:51 AM IST

22 जुलाई 2024 (सोमवार) से सावन का पवित्र महीना शुरू होने (Sawan 2024) जा रहा है. सावन भगवान शिव का अत्यंत प्रिय महीना है.

खास है सावन 2024
खास है सावन 2024 (Photo credit: ETV Bharat)

जानकारी देते ब्रह्मचारी श्रीधरानंद प्रबंधक मनकामेश्वर मंदिर (Video credit: ETV Bharat)

लखनऊ/प्रयागराज :अबकी बार 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से सावन के पवित्र महीने की शुरूआत होने जा रही है. इसको लेकर डा. ज्योतिषाचार्य आचार्य देव ने बताया कि सावन भगवान शिव का अत्यंत प्रिय महीना है.

मान्यताओं के अनुसार, इस पवित्र माह में भोले बाबा भक्तों पर अपनी कृपा की वर्षा करते हैं. इस बार का श्रावण माह कई मायनो में खास है क्योंकि सावन की शुरुआत सोमवार से हो रही है और अंत भी सोमवार से हो रहा है. साथ ही इस सोमवार को एक खास प्रीति योग, आयुष्मान योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. इसको लेकर पौराणिक मान्यता है कि जो भी इस योग में पूजा पाठ करता है उस पर भोलेनाथ की विशेष कृपा होती है और अंत में तीसरी खास बात है कि सावन के आखिरी सोमवार के दिन ही रक्षाबंधन भी पड़ रहा है. इस दिन वैदिक लोग श्रावणी कर्म भी करते हैं.

भक्तों की मनोकामना पूरी करने वाला महीना :ज्योतिषाचार्य आचार्य देव ने बताया कि इस साल सावन का पावन महीना 22 जुलाई 2024 से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगा. हिन्दू पञ्चांग के अनुसार, इस बार श्रावण मास की शुरुआत सूर्य उदय व्यापिनी प्रतिपदा सोमवार से हो रही है. भक्तों की मनोकामना पूरी करने वाला ये महीना इस बार बहुत से शुभ योग लेकर आ रहा है. सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई, दूसरा सोमवार 29 जुलाई, तीसरा सोमवार 5 अगस्त, चौथा सोमवार 12 अगस्त और अंतिम सोमवार 19 अगस्त को पड़ेगा.

दोपहर 3 बजकर 26 मिनट तक है त्रयोदशी :डा. ज्योतिषाचार्य आचार्य देव ने बताया कि सावन के महीने में शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. इस बार सावन मास की शिवरात्रि 2 अगस्त शुक्रवार को मनाई जाएगी. इस दिन त्रयोदशी दोपहर 3 बजकर 26 मिनट तक है. इसके बाद चतुर्दशी शुरू होगी और रात्रि के निशि काल में शिव जी की पूजा की जाएगी. डा. ज्योतिषाचार्य आचार्य देव ने बताया कि इस बार चार मंगला गौरी व्रत पड़ रहे हैं. यह व्रत मंगलवार को रखा जाता है. पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई को, दूसरा 30 जुलाई को, तीसरा 6 अगस्त को, जबकि अंतिम 13 अगस्त को होगा.


भगवान शिव की पूजा में क्या करें : डा. ज्योतिषाचार्य आचार्य देव ने बताया कि शिव की पूजा करने वाला शून्य की पूजा करना होता है. क्योंकि भगवान शिव को शून्य का प्रतीक माना गया है. जो व्यक्ति भगवान शिव को बेलपत्र, बेलपत्र के फल, भांग, धतूरा, केवड़ा, गंगाजल, दूध, फलों का रस इत्यादि वस्तुएं श्रद्धा भाव से अर्पित करता है उससे भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं.

शिव की पूजा में क्या ना करें :डा. ज्योतिषाचार्य आचार्य देव ने बताया कि भगवान शिव की पूजा में शिव के सामने किसी भी तरह की कामना नहीं करनी चाहिए. भगवान शिव सृष्टि के स्वामी हैं, संघार करने वाले हैं, उनसे सृष्टि के विषय विकारों की कामना करना उचित नहीं है. इसलिए शिव की आराधना में केवल शून्य का ध्यान करते हुए स्वयं के मन की शांति की प्रार्थना करनी चाहिए. भगवान शिव को हल्दी, कुमकुम, तुलसी के पत्ते, नारियल, लाल फूल, गलती से भी ना चढ़ाएं. ध्यान रहे कि शिव की पूजा में शिव जी का अभिषेक शंख से ना करें. आरती के बाद शंख ना बजाएं.

सावन में इस बार पांच सोमवार, पूरी होंगी मनोकामनाएं :सावन का महीना शिव भक्ति के लिए बेहद खास है, क्योंकि इस पूरे महीने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है. भगवान शिव का सबसे प्रिय माह सावन ही माना जाता है. इस पूरे माह के दौरान भगवान शिव का जलाभिषेक करने से लेकर कावड़ यात्रा तक की जाती है. इस बार सावन का महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि इस बार शुरुआत और समापन सोमवार से ही हो रहा है. काफी दिनों बाद ऐसा सहयोग आया है. धर्माचार्य कहते हैं कि ऐसे संयोग का भक्तों को लाभ उठाना चाहिए. इस संयोग में भक्त जो भी जलाभिषेक के बाद मनोकामना मांगते हैं उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है.

मनकामेश्‍वर मंदिर के प्रबंधक ब्रह्मचारी श्रीधरानंद बताते हैं कि स्‍कंद पुराण व पद्म पुराण में कामेश्‍वर पीठ का वर्णन है. यह वही कामेश्‍वर धाम है, जहां काम को भस्‍म करके भगवान शिव स्‍वयं यहां विराजमान हुए हैं. उन्‍होंने बताया कि त्रेता युग में श्रीराम वनवास जाते समय श्रीराम ने यहां शिवजी का पूजन और जलाभिषेक कर निर्विघ्‍न यात्रा की कामना की थी. सावन मास में मनकामेश्‍वर मंदिर में शिवजी के पूजन-अर्चन के लिए श्रद्धालुओं की अपार भीड़ जुटती है. प्रयागराज का प्राचीन व प्रसिद्ध मनकामेश्‍वर मंदिर लाखों लोगों की आस्‍था का केंद्र है.

यह भी पढ़ें : कांवड़ यात्रा: जानें कब से यात्रा की हो रही शुरुआत, किन-किन बातों का रखना होता है ध्यान - Kanwar Yatra 2024

यह भी पढ़ें : सावन 2024 है बेहद खास; इस बार होंगे पांच सोमवार, बरसेगी भोलेनाथ की कृपा, जानिए पूजन का तरीका - Sawan 2024

ABOUT THE AUTHOR

...view details