राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

चिकित्सक को डॉक्टर्स पॉलिसी का क्लेम नहीं देने पर बीमा कंपनी पर लगाया हर्जाना - DISTRICT CONSUMER COMMISSION

उपभोक्ता आयोग ने एक मामले की सुनवाई करते हुए इंश्योरेंस कंपनी पर हर्जाना लगाया है.

FINE ON THE INSURANCE COMPANY,  DOCTORS POLICY TO THE DOCTOR
उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी पर लगाया हर्जाना. (ETV Bharat jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 25, 2024, 8:07 PM IST

जयपुरःजिला उपभोक्ता आयोग द्वितीय ने इलाज में लापरवाही बरतने पर चिकित्सक पर लगाए दस लाख रुपए का डॉक्टर्स पॉलिसी के तहत भुगतान नहीं करने पर ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी पर 70 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही क्लेम राशि के दस लाख रुपए भी नौ फीसदी ब्याज सहित अदा करने को कहा है. आयोग ने यह आदेश डॉ. अंकित माथुर के परिवाद पर दिए. आयोग अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना और सदस्य हेमलता अग्रवाल ने अपने आदेश में कहा कि अदालतों में चल रही कार्रवाई के चलते परिवादी समय पर क्लेम पेश नहीं कर सका. वहीं, बीमा कंपनी का क्लेम अदायगी नहीं करना अनुचित व्यापार प्रथा को दर्शाता है.

परिवाद में अधिवक्ता अजय राज टाटिया ने बताया कि परिवादी कार्डियो वेस्क्यूलर सर्जन के तौर पर नारायणा अस्पताल में कार्यरत है. बीमा कंपनी ने उसकी 3 फरवरी, 2017 से 2 फरवरी, 2018 की अवधि की डॉक्टर्स बीमा पॉलिसी की थी. जिसके तहत चिकित्सीय पेशे से बीस लाख रुपए तक की आर्थिक देनदारी होने पर उसका भुगतान बीमा कंपनी को करना था. इस दौरान एक मरीज ने परिवादी व अन्य चिकित्सकों के खिलाफ ऑपरेशन में लापरवाही को लेकर उपभोक्ता आयोग में परिवाद पेश किया था.

पढ़ेंःसब्सिडी राशि के 2.67 लाख रुपए कम करे फाइनेंस कंपनी, हर्जाने के 1.10 लाख रुपए भी दे

आयोग ने मामले में कुल 50 लाख रुपए का क्लेम तय करते हुए इसमें से दस लाख रुपए परिवादी को अदा करने को कहा. इसके बाद प्रकरण सुप्रीम कोर्ट तक चला, लेकिन चिकित्सकों को राहत नहीं मिली. इस पर परिवादी ने बीमा कंपनी के समक्ष दस लाख रुपए का क्लेम पेश किया, लेकिन बीमा कंपनी ने क्लेम देने से इनकार कर दिया. इस पर चिकित्सक की ओर से जिला आयोग में परिवाद पेश किया गया. इसके जवाब में बीमा कंपनी के अधिवक्ता ने कहा कि परिवादी ने बीमा शर्त के तहत तय समय पर न्यायिक कार्रवाई की जानकारी बीमा कंपनी को नहीं दी थी. ऐसे में वह क्लेम देने के लिए बाध्य नहीं है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आयोग में बीमा कंपनी पर हर्जाना लगाते हुए क्लेम राशि ब्याज सहित अदा करने को कहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details