भीलवाड़ा. शाहपुरा जिले का कोटड़ी भट्टीकांड को शायद ही कोई भूल पाया होगा. इस कांड ने इंसानियत को न केवल शर्मसार किया था, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. नाबालिग को यह पता नहीं था कि जो आरोपी उसके खेत की जमीन पर कोयले का कारोबार कर रहे हैं, जिन्हें वो अपनों की नजर से देखती थी, वही उसकी मौत का कारण बनेंगे. कोटड़ी के इस जघन्य हत्याकांड ने पूरे देश में राजस्थान को बदनाम ही नहीं किया था, बल्कि मानवता पर से भरोसा उठा दिया था. इस कांड को अभी 9 महीने बीते हैं, लेकिन प्रशासन से लेकर कोर्ट तक की त्वरित कार्रवाई के बीच मुख्य आरोपी सगे भाइयों को आज मौत की सजा मिली है. भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट के इस फैसले से नाबालिग के परिजनों को कुछ सुकून मिलेगा, लेकिन आज एक बार फिर इस वारदात से मिले जख्म परिजनों के लिए हरे हो गए हैं.
कोर्ट ने शाहपुरा के कोटड़ी में 2 अगस्त 2023 को नाबालिग बालिका के साथ हुए जघन्य अपराध के लिए दोषियों को मौत की सजा दी है. दोषियों ने खेत पर बकरियां चराने गई नाबालिग बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद कोयले की भट्टी में जला दिया था. इस मामले में भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी माना है, जबकि सात महिला और पुरुष आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है. हालांकि इस फैसले के बाद विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि सातों को जो बरी किया है, इसके खिलाफ हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे. देश भर में सुर्खियों में रहे इस मामले में राज्य सरकार की ओर से नियुक्त विशेष लोक अभियोजक महावीर किसनावत ने कहा कि इस मामले में 9 महिला पुरुष मुल्जिमें का ट्रायल पॉक्सो कोर्ट में हुआ था, जिसमें सरकार की ओर से 43 गवाहों के बयान पंजीबद्ध करवाए गए. अभियोजन की ओर से इस मामले में 222 दस्तावेज पेश किए गए.