कुचामनसिटी.परबतसर उपखंड के ग्राम जावला में अपने घर पर नहाने जाते समय एक किशोर करंट की चपेट में आ गया. परिजन उसे लेकर हरसौर अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृतक के पिता ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
जावला अस्पताल प्रभारी अनिता चौधरी का कहना है कि पीएचसी हॉस्पिटल खुलने का समय प्रातः 9 से 11 बजे तक होता है. हमारे स्टाफ ने किशोक को अटेंड किया था. उसके बाद उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया था. रात्रि के समय पीएचसी अस्पताल में स्टाफ नहीं रहता है. उन्होंने बताया कि वो खुद मृतक के घर के सामने ही रहती हैं. अस्पताल प्रशासन की ओर से लापरवाही बरतने का सवाल ही नहीं उठता. परबतसर बीसीएमओ डॉ. किशन कटारिया का कहना है कि घटना के बाद जावला अस्पताल पहुंचकर उन्होंने मामले की जानकारी ली. जांच में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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जानकारी के मुताबिक जावला गांव निवासी सुमित प्रजापत (16) पुत्र रमेश प्रजापत सुबह नहाने जा रहा था. इस दौरान वो करंट की चपेट में आ गया. चीख पुकार सुनकर परिजन दौड़कर आए. परिजनों का दावा है कि घटना के तुरंत बाद ही वो बेटे को जावला अस्पताल लेकर पहुंचे, मगर वहां ताले लटके मिले. अस्पताल के बाहर स्थित मेडिकल की दुकान पर आए कंपाउंडर ने हरसौर अस्पताल ले जाने की बात की. परिजनों के अनुसार तब तक सुमित की सांसे चल रहीं थीं. हरसौर अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
समय पर इलाज मिलता तो बच जाती जान :मृतक के पिता रमेश प्रजापत ने बताया कि सुमित उनका इकलौता बेटा था. उनकी दो बेटियां भी हैं. सुमित कक्षा 10वीं का छात्र था और परिवार के साथ जोधपुर में ही रह रहा था. वो खुद पिछले 10 वर्षों से जोधपुर में दिहाड़ी मजदूरी पर सब्जी बेचने का काम करते हैं. पिता रमेश ने जावला अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यदि समय रहते जावला अस्पताल में सुमित को प्राथमिक उपचार मिलता तो शायद उसकी जान बच सकती थी.