उत्तरकाशी: जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट के निर्देश पर गठित तकनीकी समिति ने वरुणावत पर्वत की तलहटी पर गोफियारा के पास हुए भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है. रिपोर्ट में तकनीकी समिति ने सुझाव दिए हैं कि भूस्खलन क्षेत्र के डाउन हिल में अवस्थित आबादी क्षेत्र में संवेदनशील क्षेत्र का चिन्हांकन करते हुए निरंतर सर्तकता बरती जाए और ढालदार भूस्खलन क्षेत्र में तीन स्थलों पर एकत्रित मलबे को नीचे की तरफ बढ़ने से रोकने हेतु उपाय किए जाएं.
भूस्खलन क्षेत्र के विस्तारीकरण को रोकने के लिए उपाय की जरूरत:रिपोर्ट में भूस्खलन क्षेत्र के विस्तारीकरण को रोकने हेतु उपाय किये जाने के साथ ही इस क्षेत्र की भारतीय भूसर्वेक्षण संस्थान से विस्तृत भूवैज्ञानिक जांच कराने की संस्तुति भी की गई है. तकनीकी समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि गत रात्रि हुए उक्त भूस्खलन का क्राउन 30°44′02″छ 78°26′37″म् के मध्य औसत समुद्र तल से लगभग लगभग 1470 मीटर ऊंचाई पर विद्यमान है.
क्वार्टजाइट और फिलाइट चट्टानें मौजूद:रिपोर्ट में बताया गया कि क्षेत्र में संधियुक्त क्वार्टजाइट और फिलाइट चट्टानें मौजूद हैं. इनकी संधियों के तीन सेट विद्यमान है और संधि क्षेत्र के सामान्य ढाल के अनुरूप होना ही भूस्खलन की घटना का कारण बना है. इस क्षेत्र में विद्यमान क्वार्टजाइट चट्टानें स्वभावतः कठोर प्रवृत्ति की होती हैं. इस कारण अधिक मात्रा में मलबे के उत्सर्जन की आशंका कम है, लेकिन भूस्खलन क्षेत्र के सामान्य ढाल की तीव्रता अधिक होने के कारण एवं भूस्खलन क्षेत्र के ठीक नीचे डाउन हिल में सघन आबादी क्षेत्र एवं राष्ट्रीय राजमार्ग अवस्थित होने के कारण दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहेगी.
ढालदार क्षेत्र में विभिन्न आकार के चट्टानी टुकडे़ मिले:भूस्खलन क्षेत्र में तीव्र ढालदार क्षेत्र के अंतर्गत न्यूनतम तीन स्थानों पर भूस्खलन जनित मलबा और विभिन्न आकार के चट्टानी टुकडे़ गिरे पाए गए हैं, जो कभी भी सक्रिय होकर आगे बढ़ सकते हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भूस्खलन क्षेत्र के क्राउन क्षेत्र के ऊपर उत्तर-दक्षिण दिशा में लगभग 20 डिग्री का ढालदार लगभग 40 से 50 मीटर चौड़ा क्षेत्र विद्यमान है, जिसने ब्रेक इन स्लोप का कार्य किया है. इस क्षेत्र के बाद पुनः पहाड़ी की अपहिल दिशा में तीव्र ढालदार क्षेत्र विद्यमान है. क्राउन क्षेत्र के ऊपर अन्य कोई दरार नहीं पाई गई है.