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शिक्षक संगठनों ने पूछा- 60 हजार स्कूलों में कंप्यूटर और इंटरनेट नहीं, कैसे होंगे शाला दर्पण और RKSMBK के काम - Mobile Ban in School

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 7, 2024, 4:38 PM IST

Updated : May 7, 2024, 5:21 PM IST

स्कूलों में मोबाइल फोन बैन करने को लेकर शिक्षण संगठनों ने प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि कई स्कूलों में कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा नहीं है. ऐसे में शाला दर्पण, एडमिशन सहित अन्य कार्य मोबाइल के बिना कैसे हो सकेंगे?.

स्कूलों में मोबाइल फोन बैन
स्कूलों में मोबाइल फोन बैन (ETV Bharat File Photo)

शिक्षक संगठनों का सवाल (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर.स्कूलों में मोबाइल फोन बैन करने के शिक्षा मंत्री के फैसले का शिक्षक संगठनों ने स्वागत किया है. हालांकि, शिक्षक नेताओं का कहना है कि हजारों स्कूलों में कंप्यूटर और इंटरनेट जैसी सुविधाएं नहीं होने की वजह से अब तक शिक्षक शाला दर्पण पर छात्रवृत्ति, एडमिशन, दैनिक उपस्थिति, ऑनलाइन ट्रेंनिंग और राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम के तहत जो भी काम शिक्षक मोबाइल से करते आ रहे थे, अब वो नहीं हो पाएंगे. उन्होंने अपने स्तर पर ही 1 जुलाई से एंड्रॉयड फोन स्कूल नहीं ले जाने का ऐलान भी किया.

नहीं हो सकेंगे ये कार्य : पहले साल 2012, 2015 और 2018 में भी शिक्षा निदेशक की ओर से विद्यालयों में मोबाइल पर बैन के आदेश जारी किए जा चुके हैं. हाल ही में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ईटीवी भारत से बातचीत में शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के उद्देश्य से स्कूलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की बात कही. इस पर पहले तो शिक्षक संगठनों ने सवाल उठाए और फिर इस फैसले का स्वागत करते हुए ये भी स्पष्ट कर दिया कि कई स्कूलों में कंप्यूटर, इंटरनेट नहीं होने से शाला दर्पण और राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम के तहत चल रहे कार्य भी नहीं हो सकेंगे.

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पहले स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराएं : राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि 45000 प्राइमरी और 15000 मिडिल स्कूलों में न कंप्यूटर है और न ही इंटरनेट की सुविधा है. इन स्कूलों के शिक्षकों को दैनिक कार्य जिसमें, दैनिक उपस्थिति भेजना, ऑनलाइन ट्रेनिंग, शाला दर्पण के कार्य अपने मोबाइल से सारे कार्य पूरे करने होते हैं. इसके साथ ही कई विभागीय आदेश व्हाट्सएप ग्रुप से मिलते हैं. इसी मोबाइल पर पूर्ण प्रतिबंध लग जाएगा तो इसकी पालना कैसे होगी? शिक्षा विभाग के करीब 55 हजार शिक्षक बीएलओ और सुपरवाइजर का कार्य कर रहे हैं. उनको निर्वाचन आयोग के आदेश हैं कि वो अपना मोबाइल स्विच ऑफ नहीं कर सकते. ऐसे में व्यवहारिक रूप में मोबाइल पर पूर्णतः बैन लगाना उचित नहीं होगा. वाकई में यदि शिक्षा मंत्री मोबाइल को बंद करना चाहते हैं तो पहले स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराएं, इससे शिक्षक भी खुश रहेंगे. वो छात्रों को भी पूरा समय दे सकेंगे.

राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ने भी शिक्षा मंत्री की ओर से विद्यालयों में मोबाइल फोन के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का स्वागत किया है. संगठन के प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग ने स्कूल में शिक्षकों पर शेयर मार्केट देखने के आरोप का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि वास्तव में शिक्षक मोबाइल का इस्तेमाल थोपे गए गैर शैक्षिक कार्यों के लिए करता है. शिक्षा और छात्रों के हित में राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ने शिक्षकों से आह्वान किया है कि 1 जुलाई 2024 से राजस्थान के शिक्षक विद्यालयों में एंड्रॉयड फोन लेकर नहीं जाएगा.

Last Updated : May 7, 2024, 5:21 PM IST

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