सिरमौर: इन दिनों मंडी जिले के जोगिंद्रनगर क्षेत्र में पीलिया यानी जॉन्डिस का प्रकोप देखने को मिल रहा है. . पीलिया से यहां 3 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीमारी में त्वचा, नाखून और आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगता है. यदि पीलिया से पीड़ित मरीज का समय पर इलाज न हो, तो मरीज को बड़ा नुकसान भी झेलना पड़ सकता है या यूं कहे कि यह जानलेवा भी साबित हो सकता है.
हालांकि यह एक सामान्य-सा दिखने वाला गंभीर रोग है. इसमें लिवर कमजोर होकर काम करना बंद कर देता है. आमतौर पर पीलिया होने पर लोग घबराने लगते हैं और पीलिया का इलाज करने के लिए एलोपैथिक के साथ-साथ अन्य कई तरह के उपाय करने लगते हैं. ऐसा करना मरीज के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. लिहाजा पीलिया रोग कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है, इसको लेकर सिरमौर जिला के धगेड़ा ब्लॉक में तैनात बीएमओ वरिष्ठ डॉक्टर मोनिशा अग्रवाल ने विस्तृत जानकारी दी.
डॉ. मोनिशा अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि,'आजकल जो पीलिया फैल रहा है, नॉर्मिली हेपेटाइटिस-ए वायरस के कारण खासकर बच्चों में ज्यादा फैलता है. पीलिया के फैलने के कई कारण होते हैं. जैसे एडल्ट्स में यदि कोई ज्यादा शराब का सेवन करता है, तो उसमें पहला लक्षण जॉन्डिस यानी पीलिया ही होता है. इसका अधिक सेवन करने से पीलिया का खतरा अधिक बढ़ जाता है. जब भी लीवर में कोई खराबी आएगी या गॉल ब्लैडर में कोई स्टोन डक में स्टक कर देगा, तब भी पीलिया हो सकता है.'
उन्होंने बताया कि पीलिया भी दो तरह का हो सकता है. एक खारिश वाला और दूसरा बिना खारिश वाला. लेकिन आज कल जो पीलिया फैल रहा है, वह हेपेटाइटिस-ए है. ये पानी में सीवरेज के मिलने या पानी साफ न होने से फैलता है. बच्चों में यह अधिक फैलता है. इसमें घबराने की बात नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत रहती है. इसके लिए सबसे जरूरी हैं.
- बच्चे और बड़े सभी अपने हाथों को अच्छे से धोएं. हाथ धोना ही आधी समस्याओं को खत्म कर देता है. इससे पानी से होने वाली सभी बीमारियों से बचा जा सकता है. इसके लिए आशा कार्यकर्ताएं भी समय-समय पर स्कूलों में बच्चों को सही तरीके से हाथ धोने के लिए जागरूक करती रहती हैं.
- सब्जियों को अच्छे से धोकर खाएं. थोड़ी देर सब्जियों को पानी में डूबाकर रखें और थोड़ी देर बाद ही उसका प्रयोग करें. इससे सब्जियों में जो भी प्रदूषण या स्प्रे आदि होते हैं, वह सभी निकल जाते हैं.
गांव की बावड़ियों-पेयजल स्त्रोतों का करें क्लोरीनेशन
घर में पीने की बाल्टी में उपलब्ध पानी का यदि क्लोरीनेशन करना चाहते हैं, तो 20 लीटर की एक बाल्टी में एक क्लोरीन की गोली डाली जाती है, जो थोड़ी देर बाद घुल जाती है. बाल्टी का कवर करने के बाद आधा घंटा उसे ऐसे ही रखना है. आधे घंटे के बाद जब बाल्टी का कवर हटाएंगे, तो देखेंगे कि तो वह पानी काफी हद तक पीने योग्य होगा. इसी तरह घरों में रखी एक हजार लीटर की टंकी में 20 गोलियां पीसकर डाल सकते हैं, जिससे संबंधित टंकी का पानी भी शुद्ध हो जाता है. पानी को लेकर सबसे पुराना और आसान तरीका यह है कि पानी को उबालकर ही पीयें. उबले हुए पानी का सेवन करने से बहुत सारे वायरस खत्म हो जाते हैं और यह सबसे कारगर उपाय भी माना गया है.