नई दिल्ली:आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल को बुधवार सुबह एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक से राजधानी में दलित समाज के विधायक को नेता-प्रतिपक्ष बनने की मांग की है. पत्र में स्वाति ने केजरीवाल पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. दरअसल, 2022 में पंजाब में विधानसभा के चुनाव हुए थे. इस दौरान केजरीवाल ने पंजाब में कई रैलियां और बैठकें की थी. साथ ही जीत हासिल करने के लिए अरविंद ने पंजाब की जनता से कई वादे किये थे. इनमें एक वादा यह भी था कि सत्ता में आने के बाद राज्य में एक दलित नेता को उपमुख्यमंत्री बनाएंगे. लेकिन 3 साल बीतने के बाद भी आप की सरकार ने इस वादे को पूरा नहीं किया.
वादा आज तक पूरा नहीं हुआ:स्वाति ने अपने ऑफिशियल X अकाउंट पर अरविंद केजरीवाल को टैग करते हुए लिखा है कि 'दिल्ली में दलित समाज से आने वाले एक विधायक को नेता-प्रतिपक्ष बनाने के लिए अरविंद केजरीवाल को आज पत्र लिखा है. आज से 3 साल पहले केजरीवाल ने पंजाब में वादा किया था कि हम दलित उपमुख्यमंत्री बनाएंगे, लेकिन वो वादा आज तक पूरा नहीं हुआ. आशा करती हूं वे इस बार दिल्ली से एक दलित विधायक को LOP बनाकर आदरणीय बाबसाहेब अंबेडकर जी को सच्ची श्रद्धांजलि देंगे.
दलित उपमुख्यमंत्री बनाएंगे, क्या हुआ वादा?अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में स्वाति ने लिखा है कि अरविंद केजरीवाल से उम्मीद है कि आप कुशलमंगल होंगे. दिल्ली चुनावों के नतीजों के बाद अपने स्वास्थ्य और मन की शांति पर ध्यान दे रहे होंगे. इस पत्र के माध्यम से आपके समक्ष एक जरूरी मांग रखना चाहती हूं. पंजाब चुनाव के वादे को याद दिलाते हुए उन्होंने लिखा, आपको याद होगा कि आपने 2022 में पंजाब चुनाव के दौरान वादा किया था कि जीतने के उपरांत हम एक दलित उपमुख्यमंत्री बनाएंगे, लेकिन बहुत दुख की बात है कि 3 साल बाद भी ये वादा पूरा नहीं हुआ.
समानता और न्याय की राजनीति करें:उन्होंने आगे लिखा है कि अब, जब दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने का समय आया है, तो मेरा आपसे अनुरोध है कि दिल्ली से पार्टी के दलित समाज से आने वाले एक विधायक को आप दिल्ली का नेता प्रतिपक्ष बनाएं. एक दलित विधायक को नेता प्रतिपक्ष बनाना सिर्फ एक राजनीतिक निर्णय नहीं होगा, बल्कि यह हमारे मूल सिद्धांतों को निभाने की दिशा में एक मजबूत कदम होगा. मैं आपसे आग्रह करती हूं कि इस बार अपने वादे पर खरे उतरें और यह साबित करें कि आप सिर्फ बातें ही नहीं, बल्कि हकीकत में भी समानता और न्याय की राजनीति करते है. पत्र के अंत में लिखा है कि पंजाब से की गई वादाखिलाफी को दोहराने से बचें और इस ऐतिहासिक फैसले को लें.