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सुनील खन्ना बने चंडीगढ़ क्लब के नए अध्यक्ष, नरेश चौधरी को हराया

चंडीगढ़ क्लब चुनाव में सुनील खन्ना नए अध्यक्ष बन गए हैं. उन्होंने नरेश चौधरी को 128 वोटों से हराया है.

CHANDIGARH CLUB ELECTION
चंडीगढ़ क्लब चुनाव (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : 4 hours ago

चंडीगढ़:आठ साल बाद चंडीगढ़ क्लब के विभिन्न पदों पर चुनाव हुआ है. चुनाव में चंडीगढ़ क्लब के नए अध्यक्ष के तौर पर सुनील खन्ना ने जीत हासिल की है. वहीं उपाध्यक्ष के लिए अनुराग अग्रवाल ने करण नंदा को 19 वोटों से हराकर बाजी मारी है.

चंडीगढ़ क्लब के नए अध्यक्ष सुनील खन्ना बन गए हैं. उन्होंने कड़े मुकाबले में अपने दोनों प्रतिद्वंदियों को हराया है. सुनील खन्ना ने 128 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. सुनील खन्ना को 1580 वोट मिले, जबकि दूसरे स्थान पर रहे नरेश चौधरी को 1452 वोट मिले हैं.

बता दें कि प्रधान पद के लिए तीन उम्मीदवारों जिनमें सुनील खन्ना, रमनीत सिंह चहल और नरेश चौधरी के बीच कड़ा मुकाबला था. चंडीगढ़ क्लब के विभिन्न पदों के लिए आठ साल बाद शनिवार को मतदान हुआ था, जिसका रिजल्ट आज जारी किया गया है.

प्रतिष्ठित क्लब में शुमार चंडीगढ़ क्लब : बता दें कि चंडीगढ़ क्लब शहर के प्रतिष्ठित क्लब में शुमार है. इस क्लब के शहर के उद्योगपति, बिजनेसमैन, प्रोफेसर, वैज्ञानिक, चिंतक, वकील जैसी बड़ी हस्तियां सदस्य हैं. वोट डालने के लिए कई सेना के वरिष्ठ अधिकारी, पूर्व मेयर, वरिष्ठ नेता, वरिष्ठ वकील, वरिष्ठ सीए, आर्किटेक्ट समेत अन्य पहुंचे थे.

मतदान के दौरान हुई थी हाथापाई :शनिवार को चंडीगढ़ क्लब चुनाव के दौरान मेंबर्स के बीच हाथापाई की घटना भी हुई थी. इसके कई वीडियो वायरल भी हुए थे. लंबे समय से चंडीगढ़ क्लब पर भाजपा के सदस्यों ने कब्जा किया हुआ था. इस बार कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार आपस में झगड़ते हुए देखे गए.

7441 सदस्य हैं क्लब में : जानकारी के मुताबिक, 2021 में चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव, 2024 में मेयर चुनाव और लोकसभा चुनाव हारने के बाद चंडीगढ़ के अहम संस्थान चंडीगढ़ क्लब में भाजपा अपनी जीत का परचम लहराना चाहती थी. मतदान सुबह 11 बजे से शाम 6 तक हुए. बता दें कि चंडीगढ़ क्लब में वोट डालने वाले सदस्यों की संख्या 7441 है.

भाजपा ने अपनी पकड़ की थी मजबूत : एक लंबे समय से चंडीगढ़ क्लब के अध्यक्ष रहे मुकेश बासी के कांग्रेस के टिकट पर पार्षद चुने जाने के बाद क्लब में कांग्रेस समर्थकों का वर्चस्व ढीला पड़ने लगा था. इसके बाद भाजपा समर्थकों ने इसका फायदा उठाते हुए चंडीगढ़ क्लब पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली. इस क्लब का हर 2 साल बाद चुनाव करवाया जाता है, लेकिन 2016 के बाद चुनाव अब करवाए गए हैं.

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