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दिल्ली में मेडिकल स्टूडेंट्स के सुसाइड के मामले बढ़े, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स - DOCTER SUICIDE CASE

Increase in medical students suicide: राजधानी में मेडिकल के छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसपर वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. आर चंद्रा का कहा कि समस्याएं और उम्मीदें आत्महत्या के पीछे की एक बड़ी वजह है, जिनके पूरा होने के कारण लोग आत्महत्या कर रहे हैं. आइए विस्तार से जानते हैं उन्होंने क्या कहा..

वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. आर चंद्रा
वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. आर चंद्रा (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 29, 2024, 3:54 PM IST

डॉक्टरों के सुसाइड पर मनोचिकित्सक ने कही बड़ी बातें (etv bharat)

नई दिल्ली:दिल्ली मेंआए दिन आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं. हाल ही में यहां डॉक्टरों के आत्महत्या करने के दो मामले हाल में सामने आए. इसपर वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर आर चंद्रा ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आत्महत्या के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं. इनके पीछे वजह है कि वह समस्याओं से ग्रसित हैं या उनकी जो उम्मीदें हैं वह पूरी नहीं हो रही है.

डॉ. चंद्रा ने कहा कि डॉक्टर बनने की पढ़ाई बहुत महंगी है. हालांकि, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में एमडी के छात्र के आत्महत्या के मामले में फीस की समस्या नहीं थी. जैसा बताया जा रहा है वह मानसिक रूप से बीमार थे और उनका इलाज भी चल रहा था. एमबीबीएस और एमडी ज्वाइन करने के लिए दो-दो बार नीट की परीक्षा देनी पड़ती है. जिन बच्चों का सिलेक्शन नहीं हो पता है, उनकी सारी उम्मीदें टूट जाती है.

उन्होंने आगे कहा, दूसरा पहलू यह भी है कि कुछ डॉक्टर ऐसे हैं जो बहुत पैसा कमा रहे हैं, लेकिन कुछ डॉक्टर ऐसे हैं जिन्हें घर चलना भी मुश्किल हो रहा है. डॉक्टर अपने भविष्य को लेकर भी काफी चिंतित रहते हैं. वहीं 15 दिन पूर्व दिल्ली के एम्स में डॉक्टर द्वारा गृह कलेश के चलते आत्महत्या के मामले में आर चंद्रा ने कहा कि, काम में विभिन्न तरीके की समस्याएं रहती है. ऐसे में यदि पारिवारिक कलह शुरू हो जाती है तो और भी समस्या हो जाती है. जो समाज के लिए अच्छा नहीं है.

काबिलियत और सलाह के अनुसार करें काम:सावधानियों पर डॉ. चंद्रा ने कहा कि आत्महत्या के पीछे की वजह को रोकने के लिए काम किया जाना चाहिए. लेकिन महंगी पढ़ाई, किताबें आदि छात्र के हाथ में नहीं है. यह सरकार और समाज के हाथ में है. ऐसे में यदि छात्र अपनी काबिलियत के अनुसार दोस्तों या अन्य लोगों से राय लेकर चलें, तो आत्महत्या जैसे मामलों को कुछ हद तक रोका जा सकता है.

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