धर्मशाला:एक माह बाद धर्मशाला पहुंचे भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा का अभिनंदन समारोह में भावुक दिखे. उनका गला रुंध गया था और आंखों से भी भावनाएं व्यक्त हो रही थी. जोरावर स्टेडियम में धर्मशाला भाजपा मंडल की ओर कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि सीएम ने कहा था कि बिकाऊ है, लेकिन सुधीर बिकाऊ नहीं है. सुधीर शर्मा ने कहा कि आपको याद होगा इसी जोरावर मैदान में सीएम ने मेरा हाथ झटका था. सुधीर ने कहा कि वह अपनी मां को पूछकर ही भाजपा में गए हैं. मेरी मां ने कहा था कि यह कांग्रेस तेरे पिता वाली कांग्रेस नहीं रही. सुधीर ने कहा कि अभी तक 9 विधायक भाजपा में आए हैं और आने को तैयार हैं. जिन्हें सिक्योरिटी दी गई है. 20-20 लोग आगे-पीछे लगा रखे हैं.
कैसे मुखिया हैं सीएम:भाजपा मंडल द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में सुधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सीएम पहले दिन से खजाना खाली होने की बात कहते आ रहे हैं. यह सरकार के कैसे मुखिया है, सरकार चलाने के लिए काम करना पड़ता है, पैसों का इंतजाम करना पड़ता है, खजाना खाली होने का राग अलाप कर परिवार और सरकार नहीं चलती.
अब 34-34 बराबर:सुधीर ने कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि भाजपा ने मुझे कार्यकर्ता के रूप में स्वीकार किया है. राज्यसभा में दिखाकर वोट डाला है, छिपाकर नहीं. यह ईश्वर का निर्णय था कि अब 34-34 विधायक बराबर हो गए हैं. शायद ईश्वर यही चाहता था कि हर्ष महाजन राज्यसभा में जाएं और हिमाचल की आवाज को बुलंद करें.
कोई यूं ही विधायकी नहीं छोड़ता:सुधीर ने कहा कि उन्होंने सीयू की लड़ाई लड़ी, आईटी पार्क का मुद्दा उठाया, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके. लेकिन बार-बार उन्हें अपमानित किया गया, जहां मान-सम्मान न हो, वहां नहीं रहना चाहिए. कोई अपनी विधायकी नहीं छोड़ता, लेकिन प्रदेश में बदली परिस्थितियों में उन्होंने ऐसा किया. अब भाजपा में आया हूं, जब तक जिंदा हूं. भाजपा में ही रहूंगा.