पटना:बिहार के युवाओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. बक्सर जिले के अरेला गांव निवासी अजय राय ने डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में उपलब्धि हासिल की है. अजय राय ने रिसर्च डेवलपमेंट में एक्सपर्टीज हासिल की और आज की तारीख में वह युवाओं को रोजगार दे रहे हैं. अजय राय का व्यवसाय कई देशों में फैला हुआ है.
दिल्ली में शिक्षक हैं पिता: अजय राय के पिता व्यास देव राय दिल्ली में हायर सेकेंडरी स्कूल में प्राध्यापक हैं. अजय राय की पढ़ाई-लिखाई अपने पिता के सानिध्य में हुई. व्यास देव राय मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं और रोजी-रोटी के लिए दिल्ली गए थे. अजय राय की पढ़ाई लिखाई दिल्ली में हुई. अजय राय ने 2013 में बोर्ड की परीक्षा पास की और फिर पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से 2017 में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. अजय राय ने बीटेक की डिग्री कंप्यूटर साइंस में ली.
15000 की सैलरी पर नौकरी की: डिग्री हासिल करने के बाद साल 2017 में अजय राय ने ₹3000 में इंटर्नशिप की और फिर एक कंपनी में ₹15000 की नौकरी मिली. लगभग 2 साल तक नौकरी करने के बाद अजय राय को लगा कि नौकरी हमारे लिए करियर नहीं है, हमें कुछ अलग करना चाहिए.
पिता ने 6 महीने तक बातचीत नहीं की:अजय राय ने जब नौकरी छोड़ी तो पिता व्यास देव राय बहुत नाराज हुए थे और 6 महीने तक बातचीत नहीं की थी. परिवार के अन्य सदस्य भी अजय के इस फैसले से खुश नहीं थे. उनका मानना था कि कहीं सबकुछ गड़बड़ ना हो जाए.
'मुझे बेहद नाराजगी हुई थी':अजय राय के पिता राम व्यास राय ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि मैं मध्यम वर्गीय परिवार से आता हूं और बहुत मेहनत से बच्चों को पढ़ाया लिखाया. मेरा बेटा अजय इंजीनियरिंग के बाद नौकरी कर रहा था और जब उसने मुझे नौकरी छोड़ने की बात कही तो मुझे बेहद नाराजगी हुई.
''मुझे लगा कि अब यह कुछ नहीं कर पाएगा, लेकिन ईश्वर ने अजय की मेहनत का फल दिया. वह आज की तारीख में अपनी अलग पहचान बन चुका है. मैं मां काली का भक्त हूं और मां काली के आशीर्वाद से ही सब कुछ सफल हुआ.''- रामव्यास राय, अजय राय के पिता
विदेश में बैठे क्लाइंट से जुड़े:2020 में अजय राय ने अपनी कंपनी बनाई कंपनी का नाम UPcoach' रखा. कंपनी बनाने के बाद अजय राय जी तोड़ मेहनत करने लगे और विदेश के क्लाइंट से संपर्क साधना शुरू किया. पहले अजय बाइक से ड्यूटी जाते थे लेकिन बाद में बस से जाना शुरू किया और बस में जो समय मिलता था उसे दौरान अपना काम करते थे 3 घंटे का समय अजय काम के लिए निकाल लेते थे.
तीन देशों में अजय ने खोल रखी है दफ्तर:ऑफिस में अपने सीनियर के पास अजय बैठने और रिसर्च डेवलपमेंट का काम सीखने थे. बस यात्रा के दौरान फोन मैसेज और सोशल मीडिया पर क्लाइंट को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना शुरू किया. धीरे-धीरे काम मिलना शुरू हुआ और दुबई और कोलंबिया में ऑफिस खोली.
''मुझे नौकरी में ₹15000 मिलते थे और मैं नौकरी से संतुष्ट नहीं था. मैंने अपना व्यवसाय करने का फैसला लिया और कंपनी बनाई. मैं जब नौकरी छोड़ी तो हमारे पिता नाराज हुए, लेकिन आज की तारीख में मैं घर की जिम्मेदारी भी उठा रहा हूं.''- अजय राय, युवा उद्योगपति