जमुई: ऐसा कहा जाता है कि मेहनत और लगन से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है. ये बात बिलकुल सही भी है और पुष्पेंद्र पर सटीक बैठता है. जिन्होंने अपनी पढ़ाई और मेहनत के दम पर गूगल जैसी बड़ी कंपनी में जगह बनाई है. बिहार के जमुई जिले के कोडिंग मास्टर पुष्पेंद्र को Google ने उन्हें 40 लाख का सालाना के पैकेज पर लंदन बुलाया है.
3 राउंड के इंटरव्यू के बाद हुआ सिलेक्शन: अपने इस चयन पर पुष्पेंद्र ने कहा कि हमेशा से गूगल में काम करना उनका लक्ष्य था. Google में चयन के लिए कुल तीन राउंड असेसमेंट और इंटरव्यू पुष्पेंद्र ने दिया था. जांच पड़ताल के बाद छह छात्रों का चयन हुआ. इन चुने गए छात्रों में पुष्पेंद्र का भी नाम था.
परिवार के साथ पुष्पेंद्र (ETV Bharat) गूगल में नौकरी करने का सपना साकार: आगे बोलते हुए कहा कि अगर कोई इस फील्ड में कामयाबी हासिल करना चाहते हैं तो उनको लगे रहना सबसे ज्यादा जरुरी है. अंत में उन्होंने जोड़ा कि अच्छी कोडिंग और डेवलपमेंट स्किल होने से बड़ी से बड़ी कंपनी में काम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि गूगल में नौकरी करने का सपना साकार हो गया.
'16 से 18 घंटा पढ़ाई करते थे': पुष्पेंद्र बिहार के एक सामान्य परिवार से आते हैं. उनके पिता पिता हरिओम कुमार एक साधारण ठेकेदार हैं. मां गृहिणी है. छोटे भाई और बहन प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. माता-पिता ने बताया बेटा शुरू से ही मेधावी था 16 से 18 घंटा पढ़ाई करता था. बेटे की इस उपलब्धि पर मां ने कहा कि वह बहुत गर्व महसूस कर रही हैं. पिता भी बेटे की इस उपलब्धि पर उत्साहित हैं.
घर के सदस्य के साथ पुष्पेंद्र (ETV Bharat) "मेरा सपना था आईआईटी में पढ़ाई करने का इसके लिऐ मैंने कड़ी मेहनत की और जेईई क्रेक किया.आईआईटी खडगपुर में नामांकन के बाद मेरी टेक्नोलोजी में रूची का मुझे एहसास हुआ तो मैने खुद को कोडिंग और डेटा एनालिस्ट में बेहतर बनाया."-पुष्पेंद्र
झारखंड के देवघर 10वीं और 12वीं पढ़ाई: झाझा प्रखंड के ही बूढीखांड गांव के रहने वाले पुष्पेंद्र और उसका परिवार झारखण्ड के देवघर में रहता है. प्रारंभिक पढ़ाई देवघर के ही इंफ़्रासी स्कूल में की. 10वीं और 12वीं पढ़ाई के बाद 2018 में IIT- जी परीक्षा पास की और आईआईटी खड़गपुर में नामांकन हुआ.
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