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बिहार में एक ऐसा स्कूल जहां क्लास में कटोरा लेकर बैठते हैं छात्र, जानिए पूरा मामला - Bihar Education

Students Sit With Glass In Masaurhi: बिहार सरकार शिक्षा में सुधार के लाख दावे कर ले, मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही दिख रही है. पटना के मसौढ़ी अनुमंडल के धनरूआ प्रखंड स्थित वासुदेव सिंह मध्य विद्यालय की ही बात करे तो, यहां क्लास के हर बेंच पर छात्र ग्लास और कटोरा लेकर बैठते है.

Students Sit With Glass In Masaurhi
मसौढ़ी में गिलास और जग लेकर बैठते है छात्र (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 5, 2024, 7:29 PM IST

मसौढ़ी: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए विभाग लगातार प्रयास तो कर रहा है. लेकिन जमीनी स्तर पर वह प्रयास बहुत ज्यादा दिख नही रहा. ताजा मामला राजधानी पटना के मसौढ़ी क्षेत्र का है. जहां स्कूल में बच्चें टेबल पर कटोरा और ग्लास लेकर बैठते है और उसके साथ ही पठन-पाठन होता है.

स्कूल में चार कमरे है:दरअसल, पटना के मसौढ़ी अनुमंडल के धनरूआ प्रखंड स्थित वासुदेव सिंह मध्य विद्यालय में चार कमरे हैं, जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं. यहां बरसात के दिनों में पानी टपकता है. ऐसे में बरसात के पानी को क्लास में टपकने से रोकने के लिए सभी छात्र-छात्रा अपने टेबल पर कटोरा या ग्लास रखते है, ताकि पानी कॉपी कलम पर ना गिरे.

स्कूल का भवन काफी जर्जर: वहीं, इस बदहाल व्यवस्था का देखकर जब प्रधानाचार्य से सवाल किया गया तो, उन्होंने कहा कि कई बार शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है कि स्कूल का भवन काफी जर्जर है. इसको बनवाया जाए, लेकिन अब तक इसका कोई उपाय नहीं किया गया है.

मसौढ़ी में गिलास और जग लेकर बैठते है छात्र (ETV Bharat)

बरसात के दिनों में होती मुश्किलें:वहीं, छात्राओं ने बताया कि बरसात के दिनों में पढ़ना बहुत मुश्किल हो जाता है. छत से पानी बहुत टपकता है. बेंच पर हम लोग कटोरा, ग्लास लेकर बैठते हैं ताकि पानी किताब और कॉपी पर ना गिर जाए. बहुत परेशानी होती हैं.

अभी तक कोई आदेश नहीं आया:इधर, इस पूरे मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नवल किशोर ने बताया कि इसके बारे में ऊपर के पदाधिकारी को लिखित सूचना दी गई है. अभी तक कोई आदेश नहीं आया है. स्कूल में पूरी तरह से मराठी की आवश्यकता है.

"बरसात के दिनों में पढ़ना बहुत ही प्रभावित होता है. कक्षा में इतनी पानी गिरता है कि हर बेंच पर बच्चे कटोरा, ग्लास और जग लेकर बैठते हैं. कई बार तो हमारी किताबें और कॉपी भी गिली हो जाती है." - खुशबू कुमारी, शिक्षिका, वासुदेव सिंह मध्य विद्यालय, धनरूआ

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