रायपुर: पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के आजाद छात्रावास में रहने वाले छात्रों ने गंभीर आरोप छात्रावास के वार्डन और कुल सचिव पर लगाए हैं. आरोप लगाने वाले छात्रों का कहना है कि उनके साथ जातिगत भेदभाव किया जा रहा है, प्रताड़ित करने का काम हो रहा है. उनसे निजी काम भी कराए जा रहे हैं. छात्रों के इन कथित गंभीर आरोपों पर फिलहाल वार्डन और कुल सचिव की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है. कथित आरोपों को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन का पक्ष भी सामने नहीं आया है.
पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के छात्रों का प्रदर्शन, लगाए ये गंभीर आरोप - Students protest at University
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के छात्रावास में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ. हॉस्टल में रहने वाले छात्रों ने आरोप लगाया कि उनके साथ जातिगत भेदभाव किया जा रहा है. छात्रों ने छात्रावास के वार्डन और कुल सचिव पर कथित रुप से प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Oct 1, 2024, 7:48 PM IST
|Updated : Oct 1, 2024, 8:29 PM IST
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के छात्रावास में हंगामा: नाराज छात्रों ने सोमवार के दिन आधी रात को जमकर नारेबाजी और हंगामा किया. छात्रावास में रहने वाले नाराज छात्रों का कहना था कि वार्डन को हटाया जाए. वार्डन के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए. वार्डन के खिलाफ नाराज छात्रों ने पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करने की मांग की है. नाराज छात्रों ने इस संबंध में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की प्रीवेंस कमेटी के अध्यक्ष, सांसद और मंत्री सहित कई लोगों को पत्र लिखा है. पत्र के जरिए छात्रावास अधीक्षक और बायोटेक्निक विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर पर कार्रवाई की मांग की है.
प्रोफोसेर को किया गया सस्पेंड: छात्रों का यह भी आरोप है की कुल सचिव और अधीक्षक की दोस्ती है. इसी का हवाला देकर वार्डन उन्हें धमकाने के साथ ही प्रताड़ित करते हैं. छात्रों का आरोप है कि छात्रावास में विराजित गणेश भगवान की संध्या आरती के बाद 9 सितंबर को कुल सचिव ने भी धमकाया. अधीक्षक ने ताना भी मारा था. विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक्शन लेते हुए जांच बैठाई है. जिन प्रोफेसर पर आरोप है फिलहाल उनको सस्पेंड कर दिया गया है. पर छात्र असंतुष्ट हैं. छात्रों का कहना है कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ ही थाने में एफआईआर भी दर्ज होनी चाहिए. छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जानी चाहिए.