बालोद :बालोद जिले के ग्राम सिकोसा में आसपास के आधा दर्जन गांव के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए शारीरिक तैयारी कर रहे हैं. इन बच्चों का जज्बा देखते ही बनता है.लेकिन इन बच्चों को एक अदद अच्छा ग्राउंड नहीं मिला.जिस जगह ये बच्चे प्रैक्टिस करते हैं, वहां शाम होते ही शराबियों की महफिल जमती है.
शराबियों का अड्डा बन जाता है ग्राउंड :सुबह जब ये बच्चे प्रैक्टिस के लिए आते हैं तो उन्हें गंदगी साफ करके अपने लिए जगह बनानी पड़ती है. ये बच्चे निजी जमीनों को तैयारी के लायक बनाकर प्रैक्टिस करते हैं.सिकोसा गांव के राजा बारले ने बताया कि जो भी संसाधन ग्राउंड में दिखाई दे रहे हैं,वो सभी बच्चों ने आपस में पैसा इकट्ठा करके बनाया है. यदि सरकार इस ओर ध्यान देगी तो आने वाले समय में कई बच्चों का भविष्य संवर जाएगा.लेकिन असुविधाओं के बीच ही हमारी बहनें जी तोड़ मेहनत कर रही हैं.
सरपंच का कहना है कि हम सरकार से व्यवस्थित स्टेडियम बनाने की मांग कर चुके हैं. ग्राम पंचायत के पास फंड नहीं है. बच्चे जिस जगह पर प्रैक्टिस कर रहे हैं वह निजी जमीन है.वहां पर शराबियों का अड्डा लगा रहता है. जब बच्चे प्रेक्टिस करने पहुंचते हैं तो सबसे पहले उन्हें डिस्पोजल और शराबियों के कचरे को साफ करना पड़ता है. इसके बाद व्यवस्थित माहौल में प्रैक्टिस करते हैं.बच्चे अब गांव के पास ही व्यवस्थित मैदान की मांग कर रहे हैं.
हमने अपने कार्यकाल में कई बार लिखा है. शहर के बीचों बीच जो गौठान है वो पर्याप्त है.यहां सरकार चाहे तो मैदान बना सकती है शराबी जिस जगह को गंदा करते हैं वो निजी जमीन है. हम बच्चों को सुविधा देने निरंतर प्रयासरत हैं.लेकिन हमारे पास फंड की कमी है- आरोप चंद्राकर, सरपंच