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एमसीडी और दिल्ली सरकार के स्कूलों के छात्रों को नए शैक्षणिक सत्र में नहीं मिली किताबें, जानें वजह - Delhi government schools - DELHI GOVERNMENT SCHOOLS

दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को नए शैक्षणिक सत्र में किताबें नहीं मिली हैं. जबकि इन बच्चों को निशुल्क किताबें उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी नगर निगम और दिल्ली सरकार की होती है.

नए शैक्षणिक सत्र में नहीं मिली किताबें
नए शैक्षणिक सत्र में नहीं मिली किताबें

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 23, 2024, 7:55 PM IST

नए शैक्षणिक सत्र में नहीं मिली किताबें

नई दिल्लीः नए शैक्षणिक सत्र शुरू हुए 23 दिन बीत चुका है. अभी तक दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किताबें नहीं मिली है. जबकि, इन बच्चों को निशुल्क किताबें उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी निगम और दिल्ली सरकार की होती है. नर्सरी से 5वीं कक्षा तक के स्कूल निगम द्वारा संचालित होते हैं. वहीं, दिल्ली सरकार के स्कूल भी नर्सरी से 12वीं कक्षा तक संचालित होते हैं.

नर्सरी से आठवीं तक की पढ़ाई शिक्षा का अधिकार कानून के तहत आती है. इसलिए सभी बच्चों को सरकार की ओर से निशुल्क किताबें दी जाती है. दिल्ली नगर निगम के कुल 250 वार्ड और 12 जोन में कुल 1534 स्कूल हैं. इन स्कूलों को चलाने की जिम्मेदारी निगम के शिक्षा विभाग के पास होती है. जबकि, दिल्ली सरकार के स्कूलों को चलाने की जिम्मेदारी शिक्षा निदेशालय की होती है.

निगम शिक्षा विभाग में भी उप शिक्षा निदेशक से लेकर तमाम अधिकारियों के पद होते हैं, जो विभिन्न स्तरों पर इन स्कूलों का संचालन और व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करते हैं. लेकिन, अभी निगम स्कूलों में बच्चों को किताबें मिलने का मुद्दा सबसे बड़ा है और जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. निगम की सत्ता में आने पर आम आदमी पार्टी ने निगम के स्कूलों में सुधार के लिए बड़ी-बड़ी बातें की थी. साथ ही हर स्कूल में निरीक्षण के लिए एक पांच सदस्यीय निगरानी सेल का भी गठन किया था, जिसका काम स्कूलों के बारे में निगम मुख्यालय को रिपोर्ट भेजना था. लेकिन यह सब भी ठंडे बस्ते में चल रहा है.

निगम और दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ते हैं 17 लाख से अधिक बच्चे:हाईकोर्ट में निगम स्कूलों में बच्चों की संख्या को लेकर दी गई जानकारी के अनुसार, निगम स्कूलों में कुल सात लाख 88 हजार 224 बच्चे पढ़ते हैं. वहीं, दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों में नर्सरी से आठवीं कक्षा तक करीब 10 लाख बच्चे पढ़ते हैं. इन बच्चों को भी अभी तक किताबें उपलब्ध नहीं हो सकी हैं.

निगम स्कूलों किताबें न मिलने पर क्या बोले भाजपा पार्षद:निगम स्कूलों में किताबें न मिलने पर वार्ड नंबर 200 पांडव नगर के निगम पार्षद यशपाल सिंह कैंतुरा ने कहा कि आम आदमी पार्टी निगम की सत्ता में है. इनका कोई ध्यान शिक्षा के ऊपर नहीं है. इन्होंने दुनिया में वैसे ही ढिंढोरा पीट रखा है कि हमने शिक्षा का स्तर वर्ल्ड क्लास कर दिया. AAP पार्षदों से लेकर विधायकों तक सभी का ध्यान एक ही काम में लगा हुआ है कि केजरीवाल को जेल से कैसे छुड़ाएं. इन्हें बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है. ये करीब आठ लाख बच्चों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं.

बच्चों को किताबें न मिलने के मुद्दे पर क्या बोली आप:आम आदमी पार्टी के लक्ष्मीनगर विधानसभा के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह का कहना है कि निगम में जब से आम आदमी पार्टी सरकार में आ गई है, तभी से भाजपा एलजी के माध्यम से काम नहीं करने दे रही है. स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव अभी तक भाजपा ने इसलिए नहीं होने दिया है क्योंकि उन्हें पता है कि निगम में आप का प्रचंड बहुमत है. वह चुनाव में हार की वजह से स्टैंडिंग कमेटी और अन्य कमेटियों का चुनाव नहीं होने दे रही है. इसकी वजह से निगम का बजट पास नहीं हो पा रहा है. इन्हीं सब कारणों से निगम और दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों को समय से किताबें नहीं मिल पाई हैं. इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है.

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