धनबाद:जिले के सरायढेला बगुला बस्ती का बालिका आवासीय विद्यालय पानी की समस्या से जूझ रहा है. 4.4 करोड़ की लागत से बने इस आवासीय विद्यालय का उद्घाटन 26 जून को तत्कालीन सीएम चंपाई सोरेन ने बिरसा मुंडा खेल मैदान से किया था, लेकिन सीएम को यह नहीं पता था कि जिस विद्यालय का वे अपने हाथों से उद्घाटन कर रहे हैं, उसमें पानी की इतनी समस्या है. समस्या की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 200 से भी अधिक छात्राएं स्कूल छोड़ चुकी हैं.
जिला के अधिकारियों ने अपनी पीठ थपथपाने के लिए सीएम से विद्यालय का उद्घाटन करा दिया. लेकिन इस आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को पानी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि कई छात्राएं विद्यालय छोड़कर अपने घर लौट गयी हैं. ऐसा नहीं है कि पानी की समुचित व्यवस्था नहीं की गयी है. परिसर में पानी की सुचारू आपूर्ति के लिए तीन बोरिंग हैं, लेकिन पानी नहीं आता. इतना ही नहीं विद्यालय तक पहुंचने के लिए सड़क की भी व्यवस्था नहीं है. फिलहाल विद्यालय का पठन-पाठन प्रभावित न हो, इसके लिए टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है. खाना बनाने और पीने के लिए बोतलबंद पानी का उपयोग किया जा रहा है. लेकिन इतने से पानी का क्या होगा?
स्कूल की वार्डन मोनिका भट्टाचार्य ने कहा कि 24 जुलाई को जब पुराने कोलाकुसमा बालिका आवासीय विद्यालय से छात्राओं को बगुला स्थित नए आवासीय विद्यालय में शिफ्ट किया गया था, तब यहां कुल 317 छात्राएं थीं. पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण अब इस आवासीय विद्यालय में मात्र 85 छात्राएं ही रह गई हैं. शेष छात्राएं आवासीय विद्यालय छोड़कर जा चुकी हैं. वैसे भी सरकार बेहतर शिक्षा देने का दावा ही नहीं करती बल्कि उसे धरातल पर उतारने की भी पूरी कोशिश करती है. लेकिन उच्च पदों पर बैठे सरकारी अधिकारी सरकार की योजनाओं पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ते.