लातेहार:इंटर साइंस की परीक्षा में लातेहार जिले के छात्र-छात्राओं ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है. परीक्षा में शामिल 89% से अधिक छात्र-छात्राओं ने सफलता हासिल कर लातेहार को पूरे राज्य में टॉप जिलों की सूची में दूसरे स्थान पर ला खड़ा किया है, लेकिन अब सफल छात्रों के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है. लातेहार जिले में एक भी सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं है, जहां स्नातक स्तर तक साइंस की पढ़ाई होती हो. ऐसे में सफल छात्रों के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर पढ़ाई कहां करें और कैसे करें?
दरअसल, लातेहार जिला झारखंड का ऐसा जिला है, जहां जिला मुख्यालय में एक भी सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं है. जिले का एकमात्र सरकारी डिग्री कॉलेज जिले के मनिका प्रखंड में है, यहां भी सिर्फ कला संकाय की पढ़ाई होती है. यहां साइंस और कॉमर्स की पढ़ाई नहीं होती है. कुल मिलाकर लातेहार जिले में स्नातक स्तर तक साइंस संकाय में पढ़ाई की कोई व्यवस्था नहीं है.
इंटर का रिजल्ट आने के बाद हर साल साइंस संकाय में सफल होने वाले छात्रों के सामने आगे की पढ़ाई की गंभीर समस्या खड़ी हो जाती है. जिले में विज्ञान विषय में स्नातक की व्यवस्था नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं को स्नातक की शिक्षा प्राप्त करने के लिए या तो लातेहार जिले से बाहर जाना पड़ता है या फिर विज्ञान की पढ़ाई छोड़ने को मजबूर होना पड़ता है. लातेहार जिले में इस वर्ष इंटर विज्ञान संकाय में 900 से अधिक छात्र-छात्राएं सफल हुए हैं. अब इन छात्रों के सामने समस्या है कि वे आगे अपनी पढ़ाई कैसे जारी रखें.
"एक तरफ सरकार शिक्षा को सर्वाधिक प्राथमिकता सूची में शामिल करने की बात करती है. लेकिन दूसरी तरफ लातेहार जिले में एक भी कॉलेज ऐसा नहीं है, जहां विज्ञान विषय में स्नातक की पढ़ाई की जा सके. इस मामले को लेकर कई बार सरकार और अधिकारियों से गुहार लगाई गई है. लेकिन आज तक समस्या जस की तस बनी हुई है. संपन्न परिवार के छात्र-छात्राएं तो किसी तरह लातेहार जिले से बाहर जाकर विज्ञान की पढ़ाई जारी रख लेते हैं, लेकिन गरीब परिवार के प्रतिभावान बच्चे भी मजबूरी में विज्ञान की पढ़ाई छोड़ देते हैं." - संतोष पासवान, युवा नेता
मॉडल कॉलेज का भवन भी बना, परंतु नहीं हुई पढ़ाई शुरू
लातेहार जिला मुख्यालय में मॉडल कॉलेज के भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. भवन निर्माण के 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक इस कॉलेज में शैक्षणिक गतिविधियां शुरू नहीं हो सकी हैं. स्थानीय लोगों ने इस मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी लाया था और उनसे मॉडल कॉलेज में पढ़ाई शुरू कराने की अपील की थी. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद कॉलेज में पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है.