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बगहा में प्रधानाध्यापक के विदाई समारोह में बच्चे हुए इमोशनल, रोते हुए बोले- 'मत जाइये सर' - बगहा न्यूज

Bagaha News: बगहा के राजकीय मध्य विद्यालय से एक भावुक करने वाला वीडियो सामने आया है. प्रधानाध्यापक की विदाई समारोह के दौरान छात्र छात्राएं फूट फूट कर रोने लगे और पूरा माहौल गमगीन हो गया. सेवानिवृत होने के मौके पर फेयरवेल पार्टी के आयोजन में गुरु शिष्य समेत वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो गईं.

बगहा में प्रधानाध्यापक के विदाई समारोह में बच्चे हुए इमोशनल
बगहा में प्रधानाध्यापक के विदाई समारोह में बच्चे हुए इमोशनल

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 1, 2024, 1:46 PM IST

देखें वीडियो

बगहा:व्यक्ति के जीवन में माता-पिता के बाद अगर ईश्वर के बराबर किसी का स्थान है तो वो गुरु या शिक्षक का है. शायद यही वजह है कि एक छात्र का अपने शिक्षक के प्रति एक विशेष लगाव होता है. बच्चों और उनके टीचर के बीच अटूट प्रेमसे जुड़ा एक वीडियो सामने आया है.

प्रधानाध्यापक के विदाई समारोह में बच्चे हुए इमोशनल: दरअसल बगहा के राजकीय मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत बगहा के पाठक टोला निवासी रविंद्र गिरी का कार्यकाल पूरा हुआ. लिहाजा उनके सेवानिवृत्ति के मौके पर स्थानीय शिक्षक शिक्षिकाओं और विद्यार्थियों ने विदाई समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया.

प्रधानाध्यापक के विदाई समारोह में बच्चे हुए इमोशनल

फूट-फूटकर रोने लगे बच्चे: जब फेयरवेल पार्टी का समापन हुआ और सेवानिवृत शिक्षक जाने लगे तो सभी छात्र छात्रा इतने इमोशनल हो गए कि उनको पकड़ कर रोने लगे. इस दौरान प्रधानाचार्य रविंद्र गिरी भी खुद के आंसू नहीं रोक पाए. माहौल ऐसा गमगीन हुआ कि वहां मौजूद सभी अतिथियों की आंखें भी नम हो गईं.

शिक्षक रविंद्र गिरी भी हुए भावुक: बता दें कि 60 वर्षीय शिक्षक रविंद्र गिरी मूल रूप से गडहिया चौतरवा के निवासी हैं और उन्होंने MA BTC किया है. बिहार में शिक्षण कार्य शुरू करने से पूर्व वे सेंट्रल स्कूल दिल्ली में कार्यरत थे. इसके बाद उन्होंने मैनाटांड, नरवल बरवल और अन्य विद्यालयों में सेवा दिया.

शिक्षक रविंद्र गिरी भी हुए भावुक

बिहार सरकार द्वारा गिरी हो चुके हैं पुरस्कृत:वर्ष 2017 में राजकीय मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक बनाए गए और विद्यालय के उत्तरोत्तर विकास के लिए काफी मेहनत की. बिहार सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ट शिक्षक पुरस्कार व मुखिया नरवल बरवल समेत डीएम द्वारा भी पुरस्कृत हो चुके हैं.विदाई के मौके पर उन्होंने कहा कि कम संसाधनों में बेहतर शिक्षा देना उन्होंने अपना एकमात्र धर्म समझा था.

"बच्चों से मुझे काफी लगाव है. यही वजह है कि जब से बच्चों ने रिटायरमेंट की बात सुनी थी तभी से वे निराश हो गए थे. विद्यालय नहीं छोड़ने की विनती कर रहे थे. मैं अपने विद्यालय के अन्य शिक्षकों से हमेशा यहीं कहता आया हूं कि वे सभी बच्चों को अपना बेटा बेटी समझ कर पढ़ाएं. तब जाकर वे उन्हें अच्छी शिक्षा के साथ संस्कार भी दे पाएंगे."-रविंद्र गिरी, प्रधानाध्यापक

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