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राजस्थान में छात्र आत्महत्या के डरावने आंकड़े, 17-18 साल के युवा सबसे ज्यादा प्रभावित - STUDENTS KILL THEMSELVES

राजस्थान में छात्रों की आत्महत्या के मामले बढ़े हैं. इसका मुख्य कारण छात्रों में अवसाद और दबाव को माना जा रहा है.

STUDENTS KILL THEMSELVES
राजस्थान में छात्रों की आत्महत्या के मामले बढ़े (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 22, 2025, 7:03 AM IST

जयपुर : राजस्थान में हाल के वर्षों में आत्महत्या के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है जो विशेष रूप से स्कूलों, कोचिंग संस्थानों और प्रतियोगी परीक्षाओं में अध्ययन कर रहे छात्रों के बीच एक चिंताजनक समस्या बन चुकी है. हाल ही में जयपुर स्थित एमएनआईटी में एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली, जबकि कोटा में भी आत्महत्या का एक और मामला सामने आया. इन घटनाओं ने राजस्थान के आत्महत्या के मामलों में एक खतरनाक प्रवृत्ति को उजागर किया है.

आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में 80 से अधिक छात्रों ने आत्महत्या की है, जिनमें से अधिकांश 17 से 18 वर्ष की आयु के हैं. इसके अलावा 18 वर्ष से अधिक आयु वाले छात्रों में भी आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. इन आत्महत्याओं के प्रमुख कारणों में स्कूल, कॉलेज और प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता, समाज और माता-पिता की अपेक्षाएं और मानसिक अवसाद प्रमुख रूप से शामिल हैं.

राजस्थान में छात्र आत्महत्या के डरावने आंकड़े (ETV Bharat Jaipur)

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मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों की चिंता :समाजसेवी विजय गोयल के अनुसार यह आंकड़ा अत्यंत चिंताजनक है, क्योंकि अत्यंत कम उम्र में मानसिक अवसाद के कारण बच्चे आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं. मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल तांबी का कहना है कि आजकल एन्ट्रेंस एग्जाम्स में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ती जा रही है. बच्चों से माता-पिता की अपेक्षाएं भी अधिक हो गई हैं. जब बच्चे इन अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाते तो कई बार उन्हें आत्महत्या का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

आत्महत्या के डरावने आंकड़े (ETV Bharat GFX)

विशेषज्ञों का मानना है कि घर से दूर रहकर पढ़ाई करने वाले छात्र सबसे अधिक आत्महत्या के शिकार हो रहे हैं. कोचिंग के दबाव और एकाकीपन की स्थिति में बच्चों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का कोई अवसर नहीं मिलता, जिससे मानसिक अवसाद और तनाव बढ़ जाता है. साथ ही घर से दूर रहकर बच्चों को शारीरिक व्यायाम और मानसिक विश्राम के पर्याप्त अवसर नहीं मिलते, जिससे उनकी मानसिक स्थिति और बिगड़ जाती है.

राजस्थान में छात्रों की आत्महत्या के मामले बढ़े (ETV Bharat GFX)

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बाहरी राज्यों के छात्रों की बढ़ती संख्या :रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में सिर्फ स्थानीय छात्रों की ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों से आकर कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करने वाले छात्रों में भी आत्महत्या के मामले बढ़े हैं. इन छात्रों का कहना है कि अपने घर से दूर रहने और पढ़ाई के अत्यधिक दबाव के कारण वे मानसिक रूप से असहज महसूस करते हैं.

राजस्थान में बढ़ते आत्महत्या के मामलों का मुख्य कारण मानसिक अवसाद, प्रतियोगी परीक्षाओं का अत्यधिक दबाव और बच्चों से बढ़ती अपेक्षाएं हैं. यह स्थिति समाज के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है और इसे सुलझाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं को रोका जा सके.

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